UP: Workers' struggle will be aggressive against electricity privatization, Bijli Panchayat will be held in Go

यूपी में बिजली व्यवस्था।
– फोटो : अमर उजाला।

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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की सोमवार को हुई बैठक में तय किया गया कि जब तक कार्पोरेशन प्रबंधन की ओर से निजीकरण के मसौदे को रोकने की घोषणा नहीं होती है तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। इसके तहत 27 को गोरखपुर और 29 को झांसी में एवं पांच जनवरी को प्रयागराज में बिजली पंचायत होगी। एक जनवरी को काला दिवस मनाया जाएगा। इस दिन बिजली कर्मी पूरे दिन काली पट्टी बांध कर काम करेंगे।

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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की कोर कमेटी की बैठक में तय किया गया कि विरोध निरंतर जारी रखा जाएगा। कार्यालय समय के उपरान्त सभी जिलों एवं परियोजना मुख्यालयों पर विरोध सभा किया जाएगा। बिजली के निजीकरण से उपभोक्ताओं, किसानों और कर्मचारियों को होने वाले नुकसान से अवगत कराया जाएगा। मौके पर राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, सुहैल आबिद, पीकेदीक्षित आदि मौजूद रहे।

निगमों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तैयार हो रहा मॉडल

 पावर आफिसर्स एसोसिएशन ने दावा किया है कि उनके द्वारा तैयार किए जा रहे मॉडल से विद्युत निगमों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। मांग की गई कि कार्पोरशन प्रबंधन पीपीपी मॉडल के रास्ते को छोड़कर एसोसिएशन के मॉडल पर ध्यान आकृष्ट करे। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन की सोमवार को हुई बैठक में निगमों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने में आ रही अड़चनों पर अभियंताओं की राय ली गईं। नए मॉडल का प्रारूप तैयार कर उसे जारी किया गया। इस मॉडल में संगठन के वरिष्ठ अभियंताओं एवं सेवानिवृत्त अभियंताओं से सुझाव लिए जा रहे हैं। इस दौरान एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, अनिल कुमार,आरपी केन, बिंदा प्रसाद, अजय कुमार, सुशील कुमार आदि मौजूद रहे।

ऊर्जा मंत्री दे रहे बधाई और प्रबंधन कर रहा निजीकरण

 राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जा मंत्री के ट्वीट पर तल्ख टिप्पणी की। परिषद ने कहा कि सालभर से ऊर्जा मंत्री ट्वीट करके निगमों को कीर्तमान स्थापित करने की बधाई देते रहे हैं। फिर निजीकरण का रास्ता अपनाकर उपभोक्ताओं की जेब क्यों काटने की तैयारी की जा रही है?

परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्तमान में सभी विद्युत निगमों के प्रबंधन से उपभोक्ता सेवा में सुधार की अपेक्षा करना निराशाजनक है। दक्षिणांचल व पूर्वांचल को निजी क्षेत्र में दिए जाने के लिए पारित प्रस्ताव में पावर कारपोरेशन ने लिखा है कि बिना किसी वृहद रिफॉर्म के वर्तमान परिस्थितियों में मूलभूत परिवर्तन संभव नहीं है, इसलिए इसे पीपीपी मॉडल पर चलाया जाएगा। ऐसे में ऊर्जा मंत्री का ट्वीट अपने आप खारिज हो रहा है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मांग की कि विद्युत उपभोक्ताओं का निगमों पर चल रहा 33122 करोड़ का बकाया तत्काल लौटाया जाए।



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