अपना दल (एस) में बगावत के बाद कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने अब सूचना विभाग पर हमला बोला है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिये सूचना विभाग के 1700 करोड़ रुपये के बजट को उनकी पार्टी के खिलाफ इस्तेमाल करने का आरोप जड़ा है।

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आशीष पटेल जिस सरकार में हैं, उसी सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर हैं। पिछले दिनों पार्टी से बगावत करने वाले नेताओं के दावों से भड़के आशीष पटेल का आरोप है कि ये सरकार के इशारे पर ये किया जा रहा है। शनिवार को एक बार फिर सोशल मीडिया के जरिये उन्होंने सूचना विभाग के बहाने प्रदेश सरकार पर खुलकर आरोप लगाए।

उन्होंने लिखा कि सूचना विभाग के 1700 करोड़ के बजट का दबाव क्या और कैसा होता है! इस दबाव में क्या- क्या लिखना और करना पड़ता है। इसी बजट के दबाव में अपना दल-एस को रोज तोड़ना पड़ता है। कभी नौ विधायको के भागने की खबर चलती है तो कभी 12 विधायकों के पाला बदलने की खबर। उन्होंने ऐसी खबरें फैलाने वाले वर्ग को बिन मांगे सलाह देते हुए लिखा है कि रोज-रोज का झंझट मत पालिये। एक ही दिन में अपना दल (एस) को चाहे जितने हिस्सों में बांटना है, बांट दीजिये। अपने हिसाब से नौ, दस या बारह जितने विधायकों को जिन दलों में शामिल कराना हो, करा डालिये।अपने दिल की खुशी के लिए लिख दीजिये कि अपना (एस) का अस्तित्व ही खत्म हो गया।

ये तंज कसने के साथ ही आशीष पटेल ने लिखा है कि इससे सारा झंझट खत्म हो जाएगा और सूचना विभाग के 1700 करोड़ के बजट का सही उपयोग भी हो जाएगा। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अपना दल को लाखों वंचितों और शोषितों ने अपने खून-पसीने से सींच कर खड़ा किया है। यह पार्टी अपनी स्थापना के बाद से ही लगातार ऐसी साजिशों का अभ्यस्त है। हमारे कार्यकर्ताओं को ऐसी साजिशों से भिड़ने की पुरानी आदत है इसलिए लाख कोशिश कर लें, ये बहकावे में नहीं आने वाले हैं। आगे लिखा है कि यह कार्यकर्ता दलितों और पिछड़ों के विरुद्ध किसी भी प्रकार के अन्याय और साजिशों के खिलाफ पहले से अधिक मजबूती से जंग लड़ेंगे। अपना दल एक ताश के पत्तों का महल नहीं बल्कि हर मुश्किलों में उग आने वाली घास है।

इससे पहले आशीष पटेल कह चुके हैं कि बगावत करने वाले नेता बौद्ध अरविन्द सिंह पटेल को पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य और चौधरी बृजेन्द्र प्रताप सिंह पटेल की पत्नी मोनिका आर्या को अपर शासकीय अधिवक्ता पद से हटाया जाए क्योंकि ये पद अपना दल-एस में रहते हुए दिए गए थे। उनका आरोप है कि इस संबंध में दो बार पत्र लिख चुके हैं लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया।



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