एटा के अलीगंज थाना क्षेत्र के पंचपुरा गांव में कर्ज के भारी दबाव और आर्थिक तंगी से परेशान एक महिला ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद से पूरे परिवार में मातम पसरा हुआ है, वहीं गांव में भी तनाव का माहौल है।
जानकारी के मुताबिक रजनी पत्नी बबलू काफी समय से बढ़ते कर्ज और सूदखोरों के उत्पीड़न के कारण गहरे मानसिक तनाव में थी। सोमवार सुबह उसने अपने कमरे में फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। घटना की खबर फैलते ही गांव में हड़कंप मच गया। सुबह से शाम तक गांव में पंचायत चलती रही, लेकिन कर्ज के समाधान को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी। पंचायत के दौरान मृतका के मौसेरे भाई रूप किशोर, और सूदखोर चंद्रशेखर के बीच तीखी बहस और विवाद भी हुआ, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
मृतका के भाई ने बताया
मृतका के भाई रूप किशोर ने बताया कि रजनी ने लगभग छह वर्ष पहले डेढ़ लाख रुपये का कर्ज लिया था। ससुराल वालों ने समय पर इसकी जानकारी मायके पक्ष को नहीं दी। उन्होंने बताया कि परिवार ने ज्वैलरी और फसल बेचकर अब तक 8 से 10 लाख रुपये चुका दिए हैं, लेकिन इसके बावजूद कर्ज खत्म नहीं हुआ, बल्कि अभी भी डेढ़ बिस्वा जमीन गिरवी रखी हुई है। लगातार बढ़ते कर्ज और मानसिक उत्पीड़न ने रजनी को तोड़ दिया था, जिसके चलते उसने यह खौफनाक कदम उठाया। सूचना मिलने पर अलीगंज थाना प्रभारी निर्दोष सिंह सेंगर पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और उच्चाधिकारियों को घटना की जानकारी दी। इसके बाद क्षेत्राधिकारी अलीगंज नीतीश गर्ग भी घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने मौके से आवश्यक साक्ष्य जुटाए और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एटा भेज दिया है।
जांच कर रही पुलिस
थाना प्रभारी ने बताया कि अभी तक इस मामले में कोई औपचारिक तहरीर प्राप्त नहीं हुई है। पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और मृतका के परिवार से तहरीर मिलने का इंतजार है। सूदखोरी और आत्महत्या के कारणों की गहनता से पड़ताल की जा रही है। पुलिस विभिन्न पहलुओं पर जांच कर रही है, ताकि आत्महत्या के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके।
