Using heaters in winter to cause admitted in hospital

Room Heater
– फोटो : AdobeStock

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सर्दी से बचने के लिए कमरों में हीटर जलने से ऑक्सीजन और नमी नष्ट हो रही है। इससे त्वचा की एलर्जी की दिक्कत बढ़ गई है। घर में दमा और सांस रोगी हैं, तो उनकी सांस फूल रही है। एसएन मेडिकल कॉलेज में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गई है।

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सांस-दमा मरीजों की फूल रही सांस

वक्ष एवं क्षय रोग विभागाध्यक्ष डॉ. जीवी सिंह ने बताया कि हीटर लगाने से कमरे में मौजूद ऑक्सीजन नष्ट होने लगती है। कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। इससे नलिकाओं में नमी की कमी होने और पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलने से दमा-सांस रोगियों की तकलीफ बढ़ी मिल रही है। सूखी खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो रही है। ओपीडी में रोजाना औसतन आने वाले 250 मरीजों में से 40-50 में हीटर के चलते मर्ज बढ़ा मिल रहा है। 4-5 मरीजों की हालत खराब मिलने पर भर्ती कर रहे हैं। इनको ऑक्सीजन देनी पड़ रही है।

खुश्की से त्वचा की खुजली, धब्बे भी पड़े

एसएन के त्वचा रोग विभागाध्यक्ष डॉ. यतेंद्र चाहर ने बताया कि ओपीडी में रोजाना 250 से अधिक मरीज आ रहे हैं। इसमें हीटर का उपयोग करने से त्वचा की एलर्जी के मरीजों की संख्या डेढ़ गुना बढ़ गई है। दरअसल, हीटर से कमरे का तापमान अधिक होने से त्वचा की नमी भी सूखने लगती है। खुश्क होने से खुजली, एलर्जी और धब्बे पड़ने लगते हैं। कई बार खुजली अधिक करने से जख्म भी बन रहे हैं।

इस तरह करें खुद का बचाव 

– ऑयल हीटर का इस्तेमाल करें।

– एक-दो घंटे बाद खिड़की-दरवाजा कुछ देर के लिए खोल दें।

– कमरे में एक-दो बाल्टी पानी भरकर रखें।

– हाथ-पैरों पर अच्छी तरह से नारियल का तेल लगाएं।

– पानी खूब पीएं, बेहद नजदीकी से हीटर सेंकने से बचें।

 



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