आगरा में दशहरे पर उटंगन नदी में डूबे 12 युवकों को निकालने के लिए एनडीआरएफ, सेना, पीएसी, गोताखोरों और प्रशासन ने मैदानी क्षेत्र की नदी में देश का सबसे लंबा बचाव अभियान चलाया, जो 125 घंटों तक चला। बृहस्पतिवार की दोपहर एक बजे दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान कुसियापुर गांव के 12 युवक डूब गए थे, जिनके शव मंगलवार शाम 6:10 बजे तक निकाले जा सके। इस अभियान में 400 से ज्यादा लोग दिन रात बिना रुके, बिना थके जुटे रहे। 

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प्रशासन के साथ ग्रामीणों ने कंधे से कंधा मिलाकर युवकों के शव निकालने के काम को अंजाम दिया। बृहस्पतिवार दोपहर एक बजे दुर्घटना हुई, जिसमें पहले दिन विष्णु को बचाने के साथ नदी में डूबे 12 युवकों की तलाश शुरू की गई। दूसरे दिन तक पांच युवकों के शव निकाले गए। तीसरे दिन बाकी सात की तलाश हुई, लेकिन सफलता नहीं मिली। राजस्थान सरकार ने पानी छोड़ दिया, जिससे बांध बह गया। चौथे दिन एक युवक करन का शव मिला। पांचवें दिन दो युवकों ओकेश और वीनेश के शव मिले, जबकि छठवें दिन चार युवकों के शव मिलने के साथ ही अभियान समाप्त कर दिया गया।

 




Utangan River Tragedy: 12 Youths dead bodies Rescued After 125 Hour Longest Ever Search Operation

उटंगन नदी हादसा।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


तलाशी अभियान खत्म

खेरागढ़ स्थित उटंगन नदी में 2 अक्तूबर से चल रहा सेना और एनडीआरएफ का तलाशी अभियान खत्म हो गया। मूर्ति विसर्जन के दौरान नदी में डूबे कुसियापुर गांव के बाकी चार लोगों के शव भी मंगलवार को निकाल लिए गए। नदी में डूबे 12 लोगों के शव निकालने में छह दिन लग गए। चार शव मिलने के बाद मृतकों के परिवारों समेत पूरे गांव में कोहराम मच गया। डूबने वालों में से सिर्फ एक युवक को ही सुरक्षित निकाला जा सका था।

 


Utangan River Tragedy: 12 Youths dead bodies Rescued After 125 Hour Longest Ever Search Operation

उटंगन हादसा
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


डूब गए थे 13 युवक 

2 अक्तूबर को दशहरा के दिन गांव कुसियापुर के लोग दुर्गा मूर्ति विसर्जन के लिए उटंगन नदी के तट पर पहुंचे थे। विसर्जन के लिए बनाए गए कुंड से 300 मीटर दूर मरघट के किनारे पहुंच गए थे। नदी में खनन के कारण हुए गड्ढे में गिरने से 13 युवक डूब गए थे। इनमें से विष्णु को तत्काल बचा लिया गया था। बाकी लापता लोगों की तलाश में अभियान शुरू किया गया था। घटना के बाद से ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना के स्कूबा डाइवर्स की स्पेशल टीम सभी युवकों को पानी से निकालने के प्रयास में लगी हुई थी। सभी 12 लोग 25 फीट गहरे गड्ढे में फंसे थे। एक-एक कर सोमवार तक आठ लोगों के शव निकाले गए थे।

 


Utangan River Tragedy: 12 Youths dead bodies Rescued After 125 Hour Longest Ever Search Operation

उटंगन हादसा
– फोटो : संवाद


 तीन कंप्रेसर मशीनाें की ली गई मदद

मंगलवार को बाकी चार लोगों की तलाश के लिए सुबह से अभियान शुरू हुआ। तीन कंप्रेसर मशीनाें की मदद से नदी में बने गड्ढे के अंदर से मिट्टी को हवा के द्वारा हटाने का काम किया गया। सुबह 10:35 बजे सचिन (26) का शव बरामद हुआ। दोपहर में 12:10 बजे दीपक (15) का शव मिला। इसके तीन घंटे बाद गजेंद्र (17) का शव निकालने में स्कूबा डाइवर्स सफल हुए और अंत में शाम करीब छह बजे हरेश (20) का शव निकाला गया। वह गहरे गड्ढे में सबसे नीचे मिट्टी में दबा हुआ था।

 


Utangan River Tragedy: 12 Youths dead bodies Rescued After 125 Hour Longest Ever Search Operation

उटंगन हादसा
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


चार शव निकले तो फट गया कलेजा

मंगलवार को चार शव मिलने पर नदी के किनारे मौजूद परिवार वालों में कोहराम मच गया। सभी फूट-फूट कर रोने लगे। उन्हें ग्रामीणों ने किसी तरह संभाला। चारों शव देखने वालों का कलेजा फट पड़ा। घटनास्थल पर जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगाली सहित अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे। पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि विसर्जन के दौरान लापता हुए सभी 12 लोगों के शव नदी से निकाल लिए गए हैं। सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने एक साथ मिलकर तलाशी अभियान चलाया।

 




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