उटंगन नदी में डूबे वीनेश और ओकेश के शव सोमवार को मिलते ही दोनों के घरों में चीख-पुकार मच गई। वीनेश के पिता विजय सिंह नदी किनारे पर बैठे हुए थे। वह इस इंतजार में थे कि बेटा बाहर निकाल लिया जाएगा। दोपहर में सबसे पहले वीनेश का शव निकाला गया। बेटे को देखकर पिता उससे लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगे। उन्हें गांव के लोगों ने किसी तरह संभाला। शव निकलने की जानकारी हुई तो घर में भी कोहराम मच गया।
परिवार की महिलाओं का करुण क्रंदन गूंज उठा। वीनेश की मां ममता देवी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पांच दिन से उन्होंने अन्न का दाना तक नहीं खाया। पड़ोस की महिलाएं उन्हें संभालने की कोशिश करती रहीं, लेकिन वह बार-बार बेटे वीनेश को पुकार रही थीं। छोटी बहन वर्षा व बड़ा भाई लोकेश अपने भाई को याद कर फफक-फफक कर रो रहा था।
ये भी पढ़ें – उटंगन नदी हादसा: घर से बुलाकर लाए थे दोस्त, खींच ले गई मौत…बेबस पिता की आंखें तलाश रही जिगर का टुकड़ा