उटंगन नदी में डूबे युवकों के तलाशी अभियान में सोमवार को तूफान और तेज बारिश ने खलल डाला। एनडीआरएफ, पैरा ब्रिगेड, एसडीआरएफ की टीम ने जैसे ही सक्शन पंप और कंप्रेशर से नदी में मिट्टी हटाने के लिए काम शुरू किया, तेज बारिश और तूफानी हवाएं चलने लगीं। दोपहर 3:30 बजे से शुरू हुई बारिश 4:15 तक चलती रही। इस दौरान 45 मिनट तक बचाव अभियान रुका रहा। हालांकि, स्कूबा डाइवर्स नदी में मोटरबोट पर ही डटे रहे।

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तलाशी अभियान के दाैरान सोमवार दोपहर आंधी-बारिश शुरू हो गई। तेज बारिश के कारण बचाव अभियान 45 मिनट तक टाला गया। पैरा ब्रिगेड और एनडीआरएफ दल के सदस्य मोटरबोट पर ही बने रहे, लेकिन नदी के पानी से बाहर निकल आए। तूफान रुकने के बाद फिर से बोरिंग मशीन और सक्शन पंप के जरिये नदी में बने गड्ढे से मिट्टी हटाने का काम शुरू किया गया। इसके एक घंटे के बाद ही एक युवक का शव निकालने में सफलता मिल गई।

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Utangan river tragedy Rescue was halted for 45 minutes due to storm

तूफान से बचने के लिए ट्रॉली के नीचे बैठे लोग
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


बचाव अभियान में नगर निगम, वबाग ने भेजी मशीनें

उटंगन नदी में डूबे 12 युवकों की तलाश के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में केवल एनडीआरएफ और सेना के जवान ही नहीं जुटे हैं। सीमाओं के बंधन तोड़कर नगर निगम, मेट्रो कॉरपोरेशन और वीए टेक वबाग की टीमें और उनकी मशीनरी भी लगाई गई हैं। खेरागढ़ के कुसियापुर गांव में नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल की अगुवाई में पानी निकालने के चार पंप ले जाए गए हैं, जिनसे पानी निकाला जा रहा है। इसी तरह वीए टेक वबाग की सक्शन मशीन लगाई गई है, जिससे नदी में बने गहरे गड्ढे में मिट्टी को हटाया जा सके।

 


Utangan river tragedy Rescue was halted for 45 minutes due to storm

पोकलेन मशीनों से डायवर्ट किया पानी
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


पोकलेन मशीनों से डायवर्ट किया पानी

कुसियापुर में उटंगन नदी में बचाव अभियान के दौरान बांध बनाकर पानी रोका गया, लेकिन राजस्थान से छोड़े गए पानी के कारण बांध बह गया। अब पोकलेन मशीन से बचाव स्थल पर पानी रोकने के लिए नदी का रास्ता डायवर्ट किया गया है। पोकलेन से 200 मीटर तक समानांतर नाला खोदा गया है, जहां से पानी को डायवर्ट किया गया है। इससे पानी कम होने पर बचाव अभियान और तेजी से चलाया जा सकेगा। पुल के नीचे पहले दिन ही प्रशासन ने जाल लगा दिया था, जिससे उटंगन के पानी में युवक उससे आगे न जा सकें।

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Utangan river tragedy Rescue was halted for 45 minutes due to storm

काफी गहराई तक मिट्टी हटाकर निकाल रहे
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


काफी गहराई तक मिट्टी हटाकर निकाल रहे

उटंगन नदी में डूबे युवकों को खोजने के लिए पानी अधिक मात्रा में बढ़ जाने से कंप्रेसर का प्रयोग करना सेना के जवानों के लिए सही साबित हुआ। टीम के सदस्य अंकुश ने बताया कि बढ़ते पानी व नदी में गहरे गड्ढों में शवों पर ऊपर मिट्टी जमा हो जाने से बचाव अभियान सफल नहीं हो पा रहा था। कंप्रेसर के प्रयोग से गहराई तक मिट्टी हटाकर शव निकालने में सफलता मिली। 

 


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एनडीआरएफ जवान मुकेश
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


राष्ट्रपति पदक प्राप्त एनडीआरएफ जवान मुकेश भी शामिल

एनडीआरएफ के दल में मुकेश कुमार भी शामिल हैं। वह दो शव निकाल चुके हैं। मुकेश कुमार हरियाणा के महेंद्रगढ़ के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि वह एक बार अपने गांव में छुट्टी पर गए थे। तभी पानी में 15 लोगों के डूबने की घटना हुई थी। वह भी इस घटना में पहुंचे थे। तब 11 लोग बचाए गए थे, जबकि चार की माैत हो गई थी। उन्होंने चारों के शव निकाले थे। इस पर उन्हें सम्मानित किया गया था। उन्हें राष्ट्रपति और गृह मंत्री की ओर से वीर योद्धा पुरस्कार, उत्तम जीवन रक्षा पदक प्रदान किया जा चुका है।

 




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