Uttarakhand Madrasa Education Council Chairman came to AMU

उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी
– फोटो : संवाद

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उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि वक्फ बोर्ड के अब तक चेयरमैन रहे और मुतवल्लियों की संपत्तियों की जांच होनी चाहिए। चेयरमैन और मुतवल्ली गरीब से अमीर हो गए, जबकि जिसने अपनी संपत्तियों को वक्फ किया, वह गरीब ही रह गया।

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5 फरवरी को एएमयू के निजी दौरे पर आए मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि देश की आजादी के बाद से ही मुसलमानों को कांग्रेस ने आरएसएस और भाजपा का डर दिखाकर गुमराह किया है। देश में कांग्रेस के शासनकाल में दंगे हुए हैं, जिसमें हजारों मुसलमान मारे गए।

उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता से इस्लाम का टकराव नहीं है। समान नागरिक संहिता महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी। बहुविवाह इस्लाम और हलाला किसी भी तरह से इस्लाम का हिस्सा नहीं है। तीन तलाक भी गैर इस्लामी है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को शुक्रगुजार अदा करना चाहिए कि देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जैसा नेतृत्व मिला है।

मुफ्ती कासमी ने कहा उत्तराखंड ने यूसीसी कानून लागू कर इतिहास रचने का काम किया है। अध्यक्ष ने महाकुंभ हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि भाजपा की जीत तय है, क्योंकि आम आदमी पार्टी की सरकार से जनता भ्रष्टाचार से ऊब चुकी है।



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