लखनऊ। राजधानी में डिप्थीरिया के केस बढ़ते देख स्वास्थ्य विभाग स्कूलों में टीकाकरण अभियान चलाएगा। इस दौरान संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग कराई जाएगी।
विभाग के मुताबिक इस साल अभी तक 31 बच्चों में डिप्थीरिया की पुष्टि हुई है। चार मरीजों की जान जा चुकी है। इनमें आसपास के जिले के भी मरीज हैं।
सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि एक साल के बच्चे को डीपीटी के तीन टीके लगते हैं। डेढ़ साल पर चौथा और चार साल की उम्र में पांचवां टीका लगता है। स्कूलों में जल्द ही अभियान चलेगा।
ऐसे होते हैं बीमार
डिप्थीरिया को आम बोलचाल में गलघोंटू कहा जाता है। यह कॉरीनेबैक्टेरियम बैक्टीरिया से होता है। ज्यादातर बच्चे इसकी चपेट में आते हैं। बैक्टीरिया सबसे पहले गले में इंफेक्शन करता है। संक्रमण से एक झिल्ली बन जाती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। एक स्थिति के बाद इससे जहर निकलने लगता है, जो खून के जरिये ब्रेन और हार्ट तक पहुंच जाता है और इन्हें डैमेज करने लगता है। इस स्थिति में मौत का खतरा बढ़ जाता है। डिप्थीरिया एक संक्रामक बीमारी है, जो एक से दूसरे में आसानी से फैलती है।
ये लक्षण तो हो जाएं अलर्ट
– सांस लेने में कठिनाई हो, गर्दन में सूजन, ठंड लगे। बुखार हो, गले में खराश, खांसी हो।