
वंदे भारत एक्सप्रेस।
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गोरखपुर से लखनऊ के बीच स्वदेशी सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत ट्रेन का पहला ट्रायल रन सफल रहा। मंगलवार को गोरखपुर से सुबह 6.05 बजे चली ट्रेन का लखनऊ पहुंचने का तय समय 10.20 बजे था, मगर ट्रेन 18 मिनट पहले ही चारबाग स्टेशन पहुंच गई। गोरखपुर से लखनऊ तक 296 किमी का रास्ता तय करने में ट्रेन को करीब चार घंटे का समय लगा। करीब 110 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से आई ट्रेन शाम 7.15 बजे गोरखपुर वापस लौट गई।
इससे पहले ट्रेन चारबाग के प्लेटफार्म नंबर नौ पर दिनभर खड़ी रही। जिसे देखने वालों की भीड़ लगी रही। सात जुलाई को इस ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरी झंडी दिखाएंगे। ट्रेन की समय सारिणी और किराया अभी जारी नहीं किया गया है। आठ कोच की ट्रेन में एक बार में 456 यात्री सफर कर सकेंगे। ट्रेन के डिब्बे चेन्नई में तैयार हुए हैं। सीट के नीचे चार्जिंग पॉइंट दिए गए हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए फर्स्ट ऐड बॉक्स रखा गया है। ट्रेन में क्रू मेंबर के कोच के पीछे खाना गर्म करने और पानी ठंडा रखने के लिए मशीनें लगी हैं। अटेंडेंट की मदद से यात्रियों को गर्म खाना और ठंडा पानी मिल सकेगा।
100 कर्मचारियों को लेकर पहुंची थी ट्रेन
वंदे भारत एक्सप्रेस चारबाग पहुंची तो उसमें रेलवे के करीब 100 कर्मचारी-अधिकारी बैठे थे। इनमें चार पायलटों के अलावा मुख्य रोलिंग स्टाफ इंजीनियर, सीनियर सीडीओ, एएमई, आरपीएफ, सीएनडब्ल्यू एसी, कमर्शियल स्टाफ, कैरिज वैगन सहित संचालन से जुड़े लगभग 100 लोग सवार थे। ट्रेन गोरखपुर से चलने के बाद मनकापुर, बस्ती, अयोध्या के रास्ते लखनऊ पहुंची। बस्ती और अयोध्या में दो-दो मिनट का ठहराव भी दिया गया। ट्रेन के पायलटों ने कहा कि सफर में कोई समस्या नहीं आई।
ट्रेन में यह है खास
– कोच में दरवाजे सेंसर वाले हैं, जो यात्री के आने पर अपने आप खुल जाते हैं।
– सुरक्षा को लेकर ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
– सीट के नीचे मोबाइल चार्जिंग प्वॉइंट दिया गया है।
– खाना गर्म करने और ठंडे पानी की सुविधा भी कोच में दी गई है।
– आमने-सामने की सीट के बीच फोल्डिंग टेबल की सुविधा भी है।
– दिव्यांगों की सुविधा के लिए ब्रेल लिपि से जानकारी कोच के गेट पर दी गई है
– आपात स्थिति में पायलट व ट्रेन स्टाफ से बातचीत के लिए सिस्टम है। उसके लिए वाईफाई की सुविधा भी ट्रेन में दी गई है।