Dead body of professor recovered from well, wife made serious allegations against college administration

Varanasi Crime: कुएं से बरामद हुआ प्रोफेसर का शव
– फोटो : अमर उजाला

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केए महाविद्यालय अतरौलिया के लापता प्रोफेसर डॉ.केशव पांडेय का शव कासगंज के गुलाबी नगला स्थित कुएं से मंगलवार की रात बरामद हुआ। बुधवार को पत्नी और बेटे ने शव की शिनाख्त की। चिकित्सकों के पैनल और वीडियोग्राफी के साथ प्रोफेसर के शव का पोस्टमार्टम हुआ। इसके बाद शव लेकर परिजन वाराणसी के चौबेपुर स्थित गांव रवाना हुए। उधर, हादसे के बाद परिवार में कोहराम मच गया।

वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र स्थित कैथी निवासी प्रोफेसर केशव पांडे 19 अगस्त की रात अचानक घर से गायब हो गए। चित्रगुप्त कॉलोनी में गली संख्या 5 में किराए के मकान में रहते थे। पत्नी ममता पांडेय और पुत्र प्रवीन पांडेय ने पिता के लापता होने की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल की और पुलिस को भी दी। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की थी। पुलिस ने बुधवार को परिवार के लोगों को एक शव मिलने की सूचना दी। जिस पर परिवार के लोगों ने शव देखकर शिनाख्त की। मामले की जानकारी साथी प्रोफेसरों को मिली तो महाविद्यालय के प्राचार्य व अन्य प्रोफेसर वहां पहुंच गए। प्रोफेसर के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पैनल ने पोस्टमार्टम किया। इसके बाद परिवार के लोग उनका शव लेकर बनारस अपने गांव के लिए रवाना हो गए। प्रोफेसर केशव पांडेय वर्ष 2003 में महाविद्यालय में तैनात हुए थे। वह कासगंज में अकेले रहते थे। जबकि परिवार चौबेपुर में रहता है। 5-6 दिन पहले उनकी पत्नी व पुत्र पहुंचे थे। उनकी पत्नी ममता पांडेय पूर्व माध्यमिक विद्यालय चौबेपुर में अध्यापिका है। पुत्री ज्योत्सना की शादी हो चुकी है। पुत्र प्रवीण पांडेय अविवाहित है। ये पांच भाइयों में सबसे छोटे थे। इनके अलावा सभी चार भाई सेना में थे। सबसे बड़े चिंताहरण का गत वर्ष देहांत हो गया। बाकी अखिलानंद, नित्यानंद और जगदीश अवकाश प्राप्त करके वाराणसी में रहते हैं।

कॉलेज प्रशासन पर पत्नी ने लगाए आरोप

पत्नी ममता पांडेय ने प्रोफेसर की मौत के मामले में महाविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। आरोप है कि महाविद्यालय प्रशासन ने उनकी जुलाई माह का वेतन नहीं दिया था, जिस लेकर वह परेशान थे। उन्होंने महाविद्यालय के तीन कर्मियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होंने अपनी यह व्यथा पुलिस अधिकारियों को बताई, लेकिन बुधवार को कोई तहरीर कोतवाली पुलिस को नहीं दी और न ही आरोपों के संबंध में कोई लिखित पत्र दिया। पत्नी ममता पांडेय ने बताया कि वह खुद 19 अगस्त को प्रोफेसर के साथ महाविद्यालय गईं थी और महाविद्यालय प्रशासन से मुलाकात भी की।

 



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