
बिस्मिल्लाह खां मार्ग पर बोर्ड पर पार्किंग और अवैध कब्जा
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
भारतरत्न पाने वाले काशी के महान सपूतों के द्वार सुविधाओं की दरकार है। इनके मोहल्लों की हालत साफ गवाही दे रहे हैं कि इन हस्तियों को सिर्फ पत्थरों पर उनका नाम उकेरने तक याद रखा गया है। इनके प्रति नगर निगम का यह रवैया बेहद शर्मसार करने वाला है।
रामनगर में जन्मे लाल बहादुर शास्त्री के घर को संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है। यहां जाने वाले मार्ग पर गड्ढे हैं। घर जाने वाले मार्ग संकेतक में स्टील का फ्रेम लगा है, लेकिन इससे बोर्ड गायब है। बोर्ड के बाहर डस्टबिन में कूड़ा भरा पड़ा है। उनकी प्रतिमा की सफाई तक नहीं की गई। उनके गले में पड़ी माला सूखी पड़ी है।
इसी प्रकार बेनियाबाग के पास हड़हा सराय की स्थिति काफी खराब है। यहां बिस्मिल्लाह खान की यादें जुड़ी हैं। इस मार्ग की हालत बद से बदतर है। चारों तरफ सुविधाओं की कमी है। शहनाई के जादूगर के घर जाने वाले मार्ग पर चारों तरफ अवैध तरीके से गाड़ियां खड़ीं हैं। कई जगहों पर कूड़ा-कबाड़ रखा है। पास में बना कूड़ा घर भी टूटा फूटा पड़ा है।
काशी में जन्मे डॉ. भगवान दास के नाम पर बनी कॉलोनी बेहाल है। नटराज के पास भगवान दास नगर कॉलोनी के मुख्य गेट पर लगे खंभे में बिजली के तारों का जंजाल है। पार्क में कूड़ा कबाड़ भरा है। सड़कों पर गड्ढे हैं, सीवर के चैंबर से ढक्कन गायब हैं। कई जगहों पर बेतरतीब ढंग से सामान रखा गया है। सड़क के किनारों पर इंटरलाकिंग तक नहीं की गई है।
महापुरुषों के वार्डों में 15वें वित्त से काम कराया जा रहा है। अभी पांच तारीख से कई काम की शुरुआत होगी। कहीं से कोई सूचना मिलती है तो तत्काल समाधान कराया जाता है। – दुष्यंत कुमार मौर्य, अपर नगर आयुक्त