डेंगू के बीच चिकनगुनिया का प्रकोप भी बढ़ा है। इसकी चपेट में एक महीने से 18 वर्ष तक के बच्चे ज्यादा हैं। सरकारी के साथ ही निजी अस्पतालों की ओपीडी व वार्डों में चिकनगुनिया पीड़ितों की भीड़ है। डॉक्टर भी परेशान हैं। डॉक्टरों का कहना है कि चिकनगुनिया के लक्षण भी डेंगू जैसे होते हैं। इस कारण लोग समझ नहीं पा रहे। जांच के बाद पुष्टि होती है। कोई तेज बुखार के साथ जोड़ों में दर्द की समस्या लेकर अस्पताल आ रहा तो किसी को कमजोरी है। मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा, दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल, शास्त्री अस्पताल की ओपीडी में रोज पीड़ित पहुंच रहे हैं। मंडलीय अस्पताल के बाल रोग विभाग में हर दिन 15 से 20 बच्चों में चिकनगुनिया के लक्षण मिल रहे हैं। दीनदयाल उपाध्याय में ओपीडी में पीड़ित आ रहे हैं।

डेंगू जैसे ही होते हैं लक्षण

भारतीय बाल अकादमी वाराणसी शाखा के अध्यक्ष डॉ. आलोक भारद्वाज का कहना है कि चिकनगुनिया के मामले ज्यादा आ रहे हैं। बच्चे ज्यादा पीड़ित हैं। इसके लक्षण भी डेंगू, वायरल फीवर से मिलते जुलते हैं। वर्तमान में करीब आठ से दस हजार पीड़ितों का इलाज चल रहा है।

जोड़ों में दर्द, सूजन के साथ ही कमजोरी, बुखार वाले पीड़ितों की संख्या ओपीडी में बढ़ी है। यह चिकनगुनिया के मिलते जुलते लक्षण हैं। इसमें बच्चे के साथ ही 70 साल तक के लोग भी आ रहे हैं।-डॉ.पीके सिंह, फिजिशियन, दीनदयाल अस्पताल

अस्पतालों में चिकनगुनिया पीड़ित अधिक हैं। डॉक्टर की सलाह पर आरटीपीसीआर जरूर करवानी चाहिए।-डॉ. आलोक भारद्वाज, अध्यक्ष, भारतीय बाल अकादमी, वाराणसी शाखा

केस-1

मोहम्मद कैफ (18 वर्ष) को जोड़ों में दर्द, बुखार था। कमजोरी भी आ रही। आरटीपीसीआर जांच करवाई गई तो चिकनगुनिया की पुष्टि हुई।

केस-2

तेज बुखार की शिकायत के साथ ककरमत्ता स्थित अस्पताल में एक माह का बच्चा लाया गया। वह दूध नहीं पी रहा था। जांच हुई तो चिकनगुनिया की पुष्टि हुई।



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