Varanasi Smart City conducting survey with one aircraft and 8 drones for 3D map

Varanasi
– फोटो : अमर उजाला

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स्मार्ट सिटी की ओर से शहर के 3डी अर्बन स्पेशल डिजिटल ट्विन मैप के विकास के लिए एयरक्राफ्ट से सर्वेक्षण कराया जा रहा है। इसके अलावा चार पहिये वाले वाहनों और गलियों में बैकपैक वॉकर्स से सर्वे किया जा रहा है। साथ ही आठ जोन में 8 ड्रोन से यह सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है। अबतक 70 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में काम पूरा किया जा चुका है।

नगर आयुक्त और स्मार्ट सिटी के सीईओ अक्षत वर्मा ने बताया कि देश का पहला शहर बनेगा जहां सभी वार्डों के लिए अर्बन स्पेशल डिजिटल ट्विन मैप बनाया जा रहा है। इससे नगर निगम और अन्य विभागों को परियोजना कार्यान्वयन, संसाधन विकास, और कर संग्रह प्रणाली के परीक्षण के लिए सुविधाओं का विस्तार होगा।

स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी. वासुदेवन के अनुसार यह हवाई सर्वेक्षण कार्य ड्यूअल इंजन विमान पार्टेनेविया पी-68-सी से 3800 फीट की ऊंचाई पर किया जा रहा है। जो लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से संचालित हो रहा है। यह विमान लाइका सिटी मैपर 2एस सेंसर और लाइट डिटेक्शन और रेंजिंग (लिडार) तकनीक के साथ कैमरा से लैस है। चार पहिया वाहनों और शहर की गलियों में बैकपैक वॉकर्स चलने वालों से 600 किलोमीटर के सड़कों, वार्डों, और घाटों का 360 डिग्री का सर्वेक्षण पूरा किया गया है। 

कुल 160 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को शामिल करेगा। यह डिजिटल ट्विन मैप कशी एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा। जो जलकल, वाराणसी नगर निगम, वाराणसी विकास प्राधिकरण, और जल निगम सहित विभिन्न संस्थाओं के कामकाज प्रणाली को मजबूत करेगा और सॉलिड वेस्ट, आग, यातायात, जलापूर्ति और सीवरेज प्रणालियों को बेहतर करेगा। यह परियोजना मुंबई में स्थित जेनेसिस इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन की ओर से किया जा रहा है। इस मैप से भीड़ के प्रबंधन के लिए हीट मैप और थर्मोग्राफिक रियल टाइम डेटा भी एकीकृत किए जाएंगे।

 

क्या बोले अधिकारी

पहले केवल 84 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र का 2डी मानचित्र उपलब्ध था। अब पूरे 160 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र का एक आधुनिक अर्बन स्पेशल डिजिटल ट्विन मैप बनाने का काम स्मार्ट सिटी कर रही है। जो शहर प्रबंधन और प्रशासन में सभी नगरीय संस्थाओं को प्रभावी और समन्वित ढंग से काम करने में सहायक होगा। – कौशलराज शर्मा, मंडलायुक्त व स्मार्ट सिटी बोर्ड के अध्यक्ष

ये होंगे फायदे

सभी विभागों को उनकी योजनाओं में मदद मिलेगी। ओवरब्रिज या अंडरपास बनाने के लिए विभाग प्रीडिसाइडेड टेम्प्लेट क्रियेट कर सकेंगे। इससे पता चलेगा कि ओवरब्रिज या अंडरपास बनने के बाद यह कैसा लगेगा। इससे प्रोजेक्ट के डीटेल वर्क में आसानी होगी। इससे डीपीआर बनाने में समय और पैसे की बचत होगी। इसका प्रयोग ट्रैफिक की स्थितियों और डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए भी होगा।



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