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वेंडिंग जोन – फोटो : संवाद
विस्तार
आगरा स्मार्ट सिटी में शहर की सड़कों से ठेल-ढकेल लगाने वालों के लिए वेंडिंग जोन बनाकर इलाकेवार स्टॉल आवंटित करने की योजना घोटाले की भेंट चढ़ गई। 18 माह बाद भी अधिकांश वेंडिंग जोन में जरूरतमंदों को स्टॉल नहीं मिल पाए हैं। तीन वेंडिंग जोन के आवंटन में फर्जीवाड़े की जांच अधूरी पड़ी है। सोमवार को पार्षदों ने धरना दिया तो मामला फिर सुर्खियों में आया। योजना में किए गए करोड़ों के खर्च पर सवाल उठ रहे हैं।
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शहर में अलग-अलग स्थानों पर 22 वेंडिंग जोन बनाए जा चुके हैं। आईएसबीटी, आवास विकास काॅलोनी सेक्टर 4, खंदारी, कारगिल चौराहा, राजा मंडी, ताजनगरी, कमला नगर, फतेहाबाद रोड पर ये वेंडिंग जोन हैं। लेकिन अब भी इन इलाकों में ठेल वाले सड़कों पर ही सामान बेच रहे हैं। जबकि वेंडिंग जोन खाली पड़े हुए हैं या उनमें रिक्शा चालकों ने पार्किंग बना ली है। कई में आसपास के लोगों ने कब्जा कर लिया है।
फर्जीवाड़े की जांच अधूरी, भटक रहे आवंटी
तीन वेंडिंग जोन में स्टॉलों के वितरण में फर्जीवाड़ा किया गया। जांच फाइलों में दबकर रह गई। कारगिल पेट्रोल पंप के पास 30, राजामंडी चौराहे पर 25 और खंदारी पर 35 स्टाॅल का निर्माण कराया गया था। ये स्टाॅल उसी इलाके में ठेल और फड़ लगाकर बिक्री करने वालों को मिलनी थीं। डूडा के अधिकारियों ने मनमाने ढंग से अपात्रों को आवंटन कर दिया। फर्जीवाड़ा सामने आया तो मंडल स्तर से जांच की गई। इसके बाद निगम के अपर आयुक्त को जांच दी गई। लेकिन यह आगे नहीं बढ़ सकी। नगर निगम के डूडा ऑफिस में पटरी विक्रेता चक्कर काटते हैं, लेकिन उन्हें सटीक जवाब नहीं मिल पाता।
ये बोले पार्षद
बसपा पार्षद सुनील शर्मा ने बताया कि पात्रों को नहीं मिला लाभस्ट्रीट वेंडर की सुविधा के लिए जो योजना लाई गई, उसका लाभ आज तक पात्रों को नहीं मिल सका है। घपले की शिकायत पर तीन वेंडिंग जोन की जांच की गई थी, लेकिन अब तक आवंटन नहीं हो पा रहा है।
आवंटन में सिफारिशें चलीं
पार्षद दल के नेता डॉ. यशपाल सिंह का कहना है कि वेडिंग जोन के आवंटन में सिफारिशें चलीं। पात्रों को 18 माह बाद भी स्टाॅल नहीं मिल सके हैं। निगम के अधिकारी मिलते ही नहीं हैं। ऐसे में जनप्रतिनिधि क्या करें। जनता को क्या जवाब दें।
जांच पूरी हो चुकी है, जल्द होगा आवंटन
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल का कहना है कि वेंडिंग जोन में किए गए आवंटन की जांच चल रही थी। इसलिए आवंटन रुका हुआ था। अब जांच लगभग पूरी हो चुकी है। जल्द ही आवंटन प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ कराई जाएगी।