
झांसी की बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में आयोजित सात दिवसीय पुस्तक मेला एवं संगोष्ठी का सोमवार को शुभारंभ हुआ। अतिथियों मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे, नालंदा विश्वविद्यालय, बिहार के कुलपति प्रो. सिद्धार्थ सिंह तथा विवि के कुलपति प्रो. मुकेश पांडेय ने इस दाैरान विचार व्यक्त किया। इसके बाद उन्होंने तमाम स्टालों और बुंदेली दीर्घा का अवलोकन किया।
मुख्य अतिथि बिमल कुमार दुबे ने कहा, ‘प्राचीन समय में शिक्षा, श्रुति व्यवस्था के अंतर्गत होती थी। गुरु बोलते थे और शिष्य उसे सुनकर ग्रहण करते थे। उसके बाद हस्तलिपियां और फिर पुस्तकों की प्रिंटिंग शुरू हुई। बोलकर फैलाये जाने वाले ज्ञान का लिखकर संग्रहण किया गया। शिक्षक से मिलने वाले ज्ञान के अलावा स्वाध्याय भी महत्वपूर्ण है।’ मंडलायुक्त ने अपने कॉलेज के दिनों का उदाहरण देते हुए लाइब्रेरी और पुस्तकों का महत्व समझाया।