
झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेला के अंतर्गत त्रिदिवसीय सृजनात्मक लेखन कार्यशाला और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्थान के अध्यक्ष हरगोविंद कुशवाहा ने शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप शोधार्थी देश का भविष्य हैं, आपके साथ ही साहित्य आगे जाएगा। इसके लिए आपका किताबों से जुड़ना जरूरी है। यह अच्छा है कि पढ़ने योग्य लिखा जाए और उस से बेहतर यह है कि लिखने योग्य किया जाए। कोई ऐसे ही लेखक नहीं बन जाता इसके लिए बहुत तपस्या करनी पड़ती है। दुनिया में जितना भी साहित्य लिखा गया है, उसमें रामचरित मानस ही सर्वश्रेष्ठ है।