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संजेश का फाइल फोटो
– फोटो : संजेश का फाइल फोटो

संवाद न्यूज एजेंसी

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मैनपुरी। जयपुर में 20 दिसंबर को हुए टैंकर अग्निकांड में मैनपुरी के बिछवां थाना क्षेत्र के गांव चिर्रा का संजेश उर्फ लालू यादव ही कंटेनर के अंदर जिंदा जल गया था। डीएनए परीक्षण से इसकी पुष्टि हुई है। मृतक के बड़े भाई इंद्रजीत के ब्लड सैंपल से संजेश के डीएनए का मिलान हुआ है। मृतक के आश्रितों को सरकार की ओर से 11 लाख रुपये की मुआवजा राशि इस पुष्टि के बाद जारी हो चुकी है।

बिछवा के गांव चिर्रा निवासी 24 वर्षीय संजेश उर्फ लालू पुत्र जागेश्वर सिंह यादव राजस्थान के सीकर जिले के एक व्यक्ति की ट्रांसपोर्ट कंपनी का कंटेनर चलाता था। 16 दिसंबर को वह घर से कंटेनर चलाने गया था। 20 दिसंबर को कंटेनर लेकर जयपुर से दिल्ली जा रहा था। वहां से कारों को लोड कर उसे वापस जयपुर जाना था। तभी रास्ते में गैस से भरे टैंकर और ट्रक की भिड़ंत हो गई। टैंकर से महज कुछ मीटर की दूरी पर लालू का कंटेनर था। उसमें भी आग लग गया। जिंदा ही उसमें जलकर नर कंकाल बन गया था।

20 दिसंबर की रात ही परिजन हादसे की जानकारी पाकर जयपुर के लिए निकल गए थे। 21 दिसंबर को परिजन वहां पहुंचे। यहां उन्हें नर कंकाल प्राप्त हुआ। शव की स्थिति पहचानने लायक नहीं थी। इसके चलते मृतक के भाई इंद्रजीत, जो कि खुद ही ट्रक चालक हैं। उनका ब्लड सैंपल जयपुर की मेडिकल टीम द्वारा लिया गया था।

इंद्रजीत ने बताया कि 22 दिसंबर को कंटेनर से मिले नर कंकाल को लेकर गांव आए थे। उसी दिन देर शाम को शव का अंतिम संस्कार किया गया था। इंद्रजीत ने बताया कि जयपुर पुलिस से जानकारी मिली कि उनके द्वारा दिए गए ब्लड सैंपल से कंटेनर से प्राप्त नर कंकाल का डीएनए मिलान किया गया।

डीएनए का मिलान हो गया है। इसी आधार पर माना गया है कि कंटेनर से मिला नर कंकाल उनके भाई संजेश उर्फ लालू का ही था। परिजन के खाते में सरकार की ओर से 11 लाख रुपये बतौर मुआवजा भी भेज दिया गया है।



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