As soon as he saw the enemy he would start firing shells

पूर्व सैनिक रामजीलाल
– फोटो : संवाद

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पाकिस्तान और चीन के खिलाफ युद्ध में मैं टैंक पर तैनात था। जैसे ही दुश्मन को देखता खून खौलने लगता। दुश्मन को देखते ही मैं टैंक से गोले दागने लगता था। ये बातें विजय दिवस समारोह में पहुंचे इगलास के गांव मोहनपुर निवासी रामजीलाल (89) ने जब कही तो लोगों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

उन्होंने बताया कि वे 1972 में नायक पद से सेवानिवृत्त हुए। वे जिले में ऐसे अकेले सैनिक हैं जिसने तीनों युद्धों चीन के साथ 1962 व पाकिस्तान के साथ 1965 व 1971 में भाग लिया हो। बताया कि पाकिस्तान से 1965 में हुए युद्ध में मैंने टैंकों की गर्जना के साथ गोले दागते हुए गांव के गांव उजाड़ दिए थे। 1971 के युद्ध में गोले दाग कर सैनिकों को उड़ा दिया था। हमारी सेना की शक्ति से डरकर पाक सेना के 93000 सैनिकों को आत्मसमर्पण करने को विवश होना पड़ा।



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