Vijay Sharma distributed fake degrees along with Sher Ali Jafri in Bareilly

आरोपी विजय शर्मा
– फोटो : अमर उजाला

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बरेली के खुसरो कॉलेज के चेयरमैन शेर अली जाफरी के साझीदार विजय शर्मा को नाम के आगे डॉक्टर लिखने का शौक चढ़ा तो उसने आंवला के एक कॉलेज से फर्जी डिग्री ले ली और मुन्नाभाई बन गया। करोड़ों की कमाई कर जुटाने के बाद उसने छात्रों को फर्जी डिग्रियां बांट दीं। कई मानक विहीन अस्पताल भी खड़े कर दिए। बुधवार को विजय शर्मा की गिरफ्तारी के बाद इसका खुलासा हुआ। शेर अली जाफरी, उसके बेटे फिरोज और विजय शर्मा पर 379 विद्यार्थियों को फर्जी डिग्री बांटकर 3.69 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। इस मामले में थाना सीबीगंज में मुकदमा कराया गया था। फर्जी डिग्री प्रकरण की जांच एसआईटी कर रही है। 

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एसआईटी प्रभारी मानुष पारीक ने बताया कि सुभाषनगर के शांति विहार मोहल्ला निवासी विजय वर्ष 2012 में एक फाइनेंस कंपनी में काम करता था। इसी दौरान बुलंदशहर के खुर्जा निवासी प्रमोद कुमार शर्मा से उसकी मुलाकात हुई। वह कॉलेजों को डीफार्मा और बीफार्मा की मान्यता दिलवाते थे। विजय उनके यहां ड्राइविंग करने लगा। इस दौरान हथकंडे सीखे और 11 कॉलेजों को मान्यता दिलाई। एक मान्यता दिलाने के लिए वह 20 से 25 लाख रुपये तक कमीशन लेता था। 

प्रमोद शर्मा से अनबन के बाद उस पर डॉक्टर बनने की धुन सवार हुई। आंवला के एक कॉलेज से बिना गए नेचुरोपैथी का कोर्स किया। साथ ही, आस्था कंसल्टेंसी खोलकर फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से कॉलेजों को मान्यता दिलाने लगा। विजय खुद को बीएएमएस बताता था। वह कोलकाता की एक एकेडमी का कार्ड रखता था, जिस पर बीएसएम लिखा था। यह आईकार्ड भी फर्जी माना जा रहा है।



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