(उरई जालौन ) जनपद जालौन में आज प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय जालौन स्थान उरई मनोज कुमार सिंह गौतम ने बताया कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा अपने आदेश दिनांक 05/04.//2023 एवं पत्र सं0 4606/Main-B/G.N. / Admin. (A-3): इलाहाबाद के माध्यम से यह दृष्टिकोण उपलब्ध कराया गया था कि ग्राम न्यायालय अधिनियम 2008, परिवार न्यायालय अधिनियम 1984 पर प्रभावी होगा और दं०प्र०सं० 1973 (2 of 1974) के अध्याय 9 के अंतर्गत आने वाले वादों को ग्राम न्यायालय में हस्तांतरित किया जायेगा। चूंकि जिला जालौन उरई में तहसील माधौगढ़ में ग्राम न्यायालय की स्थापना हो चुकी है और जनपद एवं सत्र न्यायाधीश जिला जालौन स्थान उरई के कार्यालय से प्राप्त आख्या जो प्रभारी मुख्य प्रशासनिक अधिकारी द्वारा अपने हस्ताक्षर से दिनांक 04/10/2023 को उपलब्ध कराया गया है। उससे यह सूचना प्राप्त हुयी है कि तहसील माधौगढ़ में ग्राम न्यायालय की स्थापना हुयी है और विद्वान न्यायाधिकारी श्री शशांक गुप्ता द्वारा कार्यभार ग्रहण किया जा चुका है। जहाँ चार थानों माधौगढ़, गोहन, रामपुरा एवं रेडर के आपराधिक वादों की सुनवाई का क्षेत्राधिकार उन्हें प्राप्त है। अतः माननीय उच्च न्यायालय की मंशा के अनुरूप ग्राम न्यायालय माधौगढ़ जनपद जालौन को भी, वादकारियों को सस्ता, शीघ्र, सुगम और सुलभ न्याय दिलाने हेतु इन थानों से संबंधित दं०प्र०सं० 1973 के अध्याय 9 के अंतर्गत आने वाले पुराने वादों की सूची बनाकर तथा नये वादों के दाखिला को रोकते हुये इन वादों को ग्राम न्यायालय माधौगढ़ के न्यायालय में दाखिल करने एवं प्रस्तुत करने हेतु संबंधित आदेश पारित किया जाना न्यायसंगत पाया जाता है। अतः सदर मुसरिम प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय को आदेशित किया जाता हैं कि उपरोक्त संबंधित थानों से संबंधित अध्याय 9 दं०प्र०सं० 1973 से संबंधित नये वादों का दाखिला न ले एवं पूर्व में विचाराधीन वादों की सूची बनवाकर उसको नियमानुसार कार्यवाही हेतु विद्वान न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय माधौगढ़ जनपद जालौन के न्यायालय को नियमानुसार प्रेषित करना सुनिश्चित करें तथा इस प्रशासनिक आदेश से जनपद एवं सत्र न्यायाधीश जालौन स्थान उरई, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, विद्वान न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय माधौगढ़ जालौन स्थान उरई तथा संबंधित बार को नियमानुसार सूचना प्रेषित करना सुनिश्चित करें।
