सार

माफिया विनोद उपाध्याय का एनकाउंटर यूपी एसटीएफ की टीम ने गुरुवार रात को कर दिया। सुबह घायल अवस्था में उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां टीम ने मृत बता दिया।  विनोद उपाध्याय एक लाख रुपये का इनामी था। विभिन्न जिलों में कुल 35 मुकदमे दर्ज थे।

Vinod Upadhyay became mafia after seeing Shri prakash Shukla

माफिया विनोद उपाध्याय और डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला। (फाइल)
– फोटो : अमर उजाला।

विस्तार


90 के दशक में श्रीप्रकाश शुक्ला के नाम से यूपी बिहार के लोग थरथर कांपते थे। लोग इसे शार्प शूटर के नाम से जानते थे। 25-26 साल के इस डॉन से पुलिस के साथ अपराधी भी खौफ खाते थे। श्रीप्रकाश शुक्ला को देखकर माफिया विनोद उपाध्याय भी जरायम की दुनिया का राजा बनना चाह रहा था। लेकिन उसका यह सपना सपना ही रह गया। डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला की तरह उसे भी एसटीएफ ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया।

बता दें कि विनोद उपाध्याय को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार शिंकजा कस रही थी। गोरखपुर के अलावा अयोध्या और लखनऊ समेत अन्य शहरों में भी उसकी तलाश में छापेमारी चल रही थी। अंत में एसटीएफ को सुल्तानपुर में सफलता मिली।

विनोद, माफिया सत्यव्रत राय का भी करीबी रह चुका है। लेकिन जमीन और रुपयों के लेनदेन को लेकर दोनों में विवाद हो गया था। इसी बीच विनोद के करीबी गंगेश पहाड़ी और दीपक सिंह की हत्या हो गई। इस हत्याकांड में सत्यव्रत और सुजीत चौरसिया समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसके बाद सत्यव्रत और सुजीत, विनोद को भी मारने के लिए ढूंढने लगे। जबकि विनोद अपने साथियों की हत्या का बदला लेने के लिए सुजीत को ढूंढने लगा। उस समय भी पुलिस ने विनोद को दबोचा था।

जानकारी के लिए बता दें कि सत्यव्रत राय डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला का बहुत करीबी मित्र था। सत्यव्रत राय ने अपराध की शुरुआत श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ ही की थी। कई मुकदमे में वांछित होने के बावजूद उसका दोष साबित नहीं हो पाया।

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