Vinod Upadhyay Gorakhpur News attempt to show strength in last journey no one came forward only 2 friends came

Vinod Upadhyay
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें



ऐसी खबर है कि माफिया विनोद के अंतिम संस्कार के समय घरवालों की कोशिश दमखम दिखाने की थी, लेकिन कभी खास रहे लोगों ने साथ नहीं दिया। माफिया की अंतिम यात्रा में कोई आगे नहीं आया। कुछ पुराने दोस्तों को छोड़ दें तो कभी साथ साए की तरह साथ रहने वाले करीबी दूर ही नजर आए। 

खासकर वे नेता घाट पर नजर नहीं आए, जो विनोद की वजह से ही राजनीति में आगे बढ़े। दरअसल, इन लोगों को यह डर सता रहा था कि विनोद की मौत के बाद कहीं वे भी कार्रवाई की जद में न आ जाएं। 

परिवार को करीब से जानने वाले लोगों की मानें तो पूर्वांचल के ब्राह्मण नेता बनने की चाह लेकर ही माफिया विनोद ने राजनीति का रास्ता पकड़ा था, लेकिन इसके बाद भी गुंडई से उसका नाता खत्म नहीं हो सका था। छोटे भाई संजय की करतूतों ने भी विनोद को अपनों से दूर करने में अहम भूमिका निभाई।

सूत्रों के मुताबिक, जिसे चुनाव लड़ाकर विनोद ने छात्रसंघ का महामंत्री बनाया था, उसने भी संजय की वजह से किनारा कर लिया। बाद में संजय ने ही कौवाबाग चौकी पर पुलिस से विवाद कर लिया। विनोद भी मौके पर पहुंच गया था, जिसके बाद बसपा से उसे निष्कासित भी कर दिया गया।

 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *