दो बच्चियों को स्ट्रेचर न मिलने के मामले में कॉलेज प्रशासन की कार्रवाई

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अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में चिंताजनक हालत में भर्ती तीन-तीन माह की बच्चियों को स्ट्रेचर न मिलने के मामले में कॉलेज प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। ऑक्सीजन सिलेंडर तीमारदार को देने पर वार्डबॉय की सेवा खत्म कर दी है। चार कर्मियों का वेतन काटने और तीन कर्मियों से स्पष्टीकरण तलब किया है।

विगत दिनों चिंताजनक हालत में भर्ती दो बच्चियों का एक्सरे होना था। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने दोनों बच्चियों की ऑक्सीजन पाइप को एक ऑक्सीजन सिलेंडर से जोड़ दिया। इसके बाद, परिजन कंधे पर सिलेंडर लादकर दोनों बच्चियों को गोद में लेकर एक्सरे कराने के लिए चले गए। यह मामला प्रकाश में आने पर कॉलेज प्राचार्य डॉ. एनएस सेंगर ने जांच क आदेश दिए। जांच रिपोर्ट मिलने पर बुधवार को प्राचार्य डॉ. सेंगर ने उप प्राचार्य डॉ. मयंक कुमार सिंह, प्रमुख अधीक्षक डॉ. सुनीता राठौर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सचिन माहुर, प्रभारी भवन डॉ. ओमशंकर चौरसिया, डॉ. मधुर्मय शास्त्री आदि के साथ बैठक करके कार्रवाई के आदेश जारी कर दिया।

प्राचार्य की तरफ से जारी आदेश के् अनुसार, इमरजेंसी में तैनात एक्सरे टेक्नीशियन का दो दिन का वेतन काटने, एक्सरे ट्रेनीज छात्रों की अध्ययन अवधि एक माह के लिए विस्तारित करते हुए प्राचार्य कार्यालय में संबद्ध करने, नर्सिंग स्टाफ लक्ष्मी कुशवाहा (आउटसोर्स) का एक दिन का वेतन काटने, एएनएम और डीएनएम को नोटिस थमाकर स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए हैं। वहीं, तीमारदार को सिलेंडर देने वाले वार्डबॉय की सेवा समाप्त कर दी है। सुरक्षा गार्डों का एक दिन का वेतन काटने के आदेश दिए हैं।

0- नॉन पीजी जेआर पर भी कार्रवाई

प्राचार्य ने आकस्मिक विभाग में अनुपस्थित चल रहे नॉन पीजी जेआर डॉ. प्रीति चौधधरी, डॉ अर्चना बाजपेयी, डॉ. प्राशीष गुप्ता, डॉ. शास्वत पांडेय, डॉ. जुनैद तीन दिन का वेतन काटने के साथ ही नोडल अधिकारी को सेवाएं समाप्त की कार्रवाई के आदेश दिए हैं।



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