कासगंज। जिले में फिलहाल बाढ़ की आपदा नहीं है, लेकिन पिछले दिनों आई बाढ़ से पैदा हुईं दुश्वारियां अभी तक कम नहीं हो पा रहीं। कटे हुए ग्रामीण मार्ग आवागमन में मुसीबत बने हुए हैं। जलस्तर में उतार चढ़ाव से कटान की स्थिति कभी भी बन सकती है। बाढ़ और बारिश से ग्रामीणों की काफी फसलें प्रभावित हो चुकी है। ग्रामीण लगातार राहत लौटने का इंतजार कर रहे हैं।

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शुक्रवार को गंगा का जलस्तर 24 घंटे में 5 सेंटीमीटर और कम हो गया, लेकिन हरिद्वार व बिजनौर बैराजों से डिस्चार्ज बढ़ गया। ऐसी स्थिति में जलस्तर में फिर आंशिक वृद्धि हो सकती है। बृहस्पतिवार को कछला ब्रिज पर 163.05 मीटर के निशान पर था। जो घटकर 163 मीटर के निशान पर आ गया। नरौरा बैराज से 24 घंटे में कोई इजाफा नहीं हुआ है। जलस्तर स्थिर बना हुआ है, लेकिन हरिद्वार से करीब 7 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज बढ़ गया तो बिजनौर से करीब 24 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज बढ़ गया। ऐसी स्थिति में नरौरा का डिस्चार्ज आज शनिवार को बढ़ सकता है। गंगा के जलस्तर में लगातार हो रहे उतार चढ़ाव से कटान की आशंका भी बनी हुई है। कटान की आशंका को देखते हुए लगातार सिंचाई विभाग बांधों की निगरानी कर रहा है।

कई इलाकों में किसानों के खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है। राजेपुर कुर्रा, सनौड़ी, मूंझखेड़ा, नगला दिपी, नगला दुरजन व आस पास के ग्रामीण इलाकों में जगह जगह बाढ़ और बारिश का पानी भरा हुआ है। मूंझखेड़ा का मार्ग कटा हुआ है। वहीं सनौड़ी का गंगा पर बना पुल टूटा हुआ है। इससे आवागमन में दिक्कतें लगातार बनी हुई हैं। कहीं लोग नाव का सहारा ले रहे हैं तो कहीं लोग पानी में होकर निकलने को मजबूर हैं।



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