इस बार फरवरी के अधिकतम तापमान ने 125 साल का रिकाॅर्ड तोड़ा है। रिकाॅर्ड के मुताबिक, देश भर के फरवरी के तापमान में सामान्य से 1.34 डिग्री की बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं, कानपुर परिक्षेत्र में फरवरी का अधिकतम तापमान सामान्य औसत से दो डिग्री अधिक रहा है। मौसम विज्ञानी बढ़ते तापमान को जलवायु परिवर्तन का असर मान रहे हैं। मौसमी गतिविधियों के अनियमित होने से तापमान बढ़ रहा है।
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि इंडियन मेटालॉजिकल डिपार्टमेंट (आईएमडी) की रिपोर्ट की मुताबिक, इस बार फरवरी का तापमान 22.04 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। यह इस महीने के औसत तापमान सामान्य से 1.34 डिग्री अधिक है। 125 सालों में फरवरी में इतना अधिकतम तापमान कभी नहीं रहा। वहीं, सीएसए के मौसम तकनीकी अधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि कानपुर परिक्षेत्र का औसत अधिकतम तापमान सामान्य औसत 24.7 डिग्री सेल्सियस के स्थान पर 26.8 डिग्री सेल्सियस रहा है। यह सामान्य औसत से दो डिग्री अधिक है। ऐसा जलवायु परिवर्तन से हो रहा है। इससे मौसमी गतिविधियां अनियमित हो रही हैं। पश्चिमी विक्षोभ की निरंतरता बढ़ गई है। इससे हवाओं की रफ्तार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
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मौसम का लुत्फ उठाते शहरी
– फोटो : अमर उजाला
डॉ. पांडेय ने बताया कि इस साल 15 पश्चिमी विक्षोभ आए हैं। इनके आने से चक्रवाती घेरे बनते हैं और हवाओं की गति बाधित होती है। इस बार मौसमी गतिविधि ला-नीना तटस्थ रही। इसके सक्रिय होने से भी ठंडक बढ़ती है। अक्तूबर-नवंबर से इसे सक्रिय होना था, लेकिन नहीं हुआ। तकनीकी अधिकारी अजय मिश्रा का कहना है कि कानपुर परिक्षेत्र में इस बार कोई चक्रवात नहीं बना। इसके अलावा मानसून के बाद की बारिश न के बराबर हुई और ओले भी नहीं गिरे। इससे तापमान में गिरावट नहीं हुई।
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मौसम का लुत्फ उठाते शहरी
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सबसे शुष्क रही फरवरी
कानपुर परिक्षेत्र में इस साल फरवरी सबसे शुष्क रही है, यानी इस बार बारिश ही नहीं हुई। फरवरी की औसत बारिश 13.2 मिमी है। जनवरी में 2.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। यह सामान्य औसत से 10 मिमी कम है। वहीं, देश भर के लिहाज से जनवरी-फरवरी के दौरान सामान्य से 59% कम बारिश दर्ज की गई। फरवरी में सामान्य से 50% कम बारिश हुई। जनवरी में यह कमी 67% रही। मध्य भारत में बारिश में 89.3% की गिरावट आई, जबकि उत्तर-पश्चिम भारत में 64.4% की कमी देखी गई।
तापमान
अधिकतम- 34.2 डिग्री सेल्सियस
न्यूनतम- 13.8 डिग्री सेल्सियस
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कानपुर का मौसम
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तेज चलेंगी हवाएं, बादल आएंगे
मौसम के मिजाज में बदलाव आने का पूर्वानुमान है। बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में बादलों की एक लंबी श्रंखला बन गई है। इसके साथ ही चक्रवाती घेरा बन रहा है। इसका हल्का असर कानपुर परिक्षेत्र पर भी रहेगा। सीएसए के मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक पांच दिनों तक हल्की और मध्यम श्रेणी के बादल छाए रहेंगे।
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कानपुर में गर्मी
– फोटो : अमर उजाला
बारिश की कोई संभावना नहीं है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के साथ बादलों की श्रंखला भी बनी हुई है। राजस्थान में चक्रवाती हवाओं का घेरा बना हुआ है। इसके प्रभाव से आसपास के क्षेत्र में बूंदाबादी हो सकती है।