
गांव सुल्तानपुर में लहलहाती गेंहूं की फसल।
कासगंज। मौसम के रुख ने जिले में गेहूं की खेती करने वाले 1.52 लाख किसानों को पैदावार कम होने की नई चिंता सताने लगी है। इन दिनों चल रही पछुआ पवन ने उन्हें डरा रही है। उनका मानना है कि इससे गेहूं की फसल को खतरा बढ़ रहा है और पैदावार घट सकती है। मौसम बार-बार बदल रहा है। फरवरी में ही होली के बाद जैसा मौसम होने लगा है। पुरवा हवा चल रही थी। इससे पारा चढ़ा। फरवरी के पहले दिन ही पारा 26 डिग्री तक पहुंच गया। 17 साल बाद जिले में ऐसा हुआ। इससे गेहूं की खेती करने वाले किसानों की चिंता बढ़ गई। इसके बाद 3 फरवरी की रात को बारिश होने व अगले दिन बूंदाबांदी होने से मौसम मेंं नमी आने से किसान को कुछ राहत मिली, लेकिन अब गेहूं की खेती करने वाले किसानों की चिंता पछुआ हवा ने बढ़ा दी। बृहस्पतिवार को दिन भर तेज हवा चली। 18 से 20 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चली पछुआ हवा ने पारे में तो एक डिग्री तक की गिरावट ला दी, लेकिन तेज हवा से खेतों की नमी कम होने व गेहूं की जड़ों के हिलने का खतरा पैदा कर दिया। जिला कृषि अधिकारी डॉ. अवधेश मिश्रा पछुआ हवा होली के बाद चलती है। इस साल अभी से चलने लगी है। इससे गेहूं का दाना कमजोर और जड़ें कमजोर हो पड़ सकती हैं।