
रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन
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शनिवार को कानपुर-झांसी रेलमार्ग पर हादसाग्रस्त हुई साबरमती एक्सप्रेस की घटना के बाद रविवार को दरभंगा-अहमदाबाद साबरमती एक्सप्रेस बदले रास्ते से दस घँटे की देरी से झांसी पहुंची। ऐसे में ट्रेन में सवार यात्री पानी को भी तरस गए। जैसे ही ट्रेन झांसी पहुंची तो यात्री पानी के लिए प्लेटफॉर्म पर इधर उधर भागते नजर आए।
पहले तो मार्ग परिवर्तन और ऊपर से खानपान का स्टेशनों पर माकूल इंतजाम न होने से यात्री रेलवे पर जमकर बरसे। यात्रियों का कहना था कि उनकी ट्रेन को डायवर्ट कर चालाय जा रहा है। लेकिन, उनके लिए साबरमती एक्सप्रेस का सफर पीड़ादायक रहा है।
यात्रियों का कहना था कि बदले हुए मार्ग से आई ट्रेन जिस भी स्टेशन पर रुकी तो वहां न खाने का प्रबंध था और न ही पानी मिला, वह लोग पूरे छह घँटे प्यासे सफर करने को मजबूर थे। जहां ट्रेन रुकी भी तो यह नहीं बताया गया कि यहां ट्रेन कितने समय रुकेगी। ऐसे में किसी ने ट्रेन से उतरने की हिम्मत नहीं दिखाई।
बताया कि ट्रेन में पेंट्रीकार भी नहीं है। वहीं, पीआरओ मनोज कुमार सिंह ने बताया कि बदले मार्ग के स्टेशनों पर खानपान के लिए स्टॉल संचालित हैं। चूंकि, ट्रेन का यह निर्धारित रुट नहीं है ऐसे में यहां ठहराव भी निश्चित नहीं है।
झांसी में वेंडरों ने उठाया लाभ, की ओवर रेटिंग
साबरमती एक्सप्रेस में सवार यात्रियों से झांसी स्टेशन पर वेंडरों ने जमकर ओवर रेटिंग की। यात्रियों का कहना था कि पूरे रास्ते भूखे प्यासे रहने के बाद जब ट्रेन झांसी पहुंची तो उन्होंने सोचा था कि यहां अच्छा खानपान मिल जाएगा। लेकिन, यहां स्टॉल पर वेंडरों ने उन्हें ठग लिया। बताया कि 20 रुपये की चीज 30 रुपये में दी। जब उनसे इसका कारण पूछा तो उन्होंने सामान देने से भी इंकार कर दिया।