Why the General Conference of BJP Scheduled Caste in Agra There may be a well thought out strategy behind this

सीएम योगी और जेपी नड्डा
– फोटो : अमर उजाला

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आगरा में अनुसूचित मोर्चा महा सम्मेलन के लिए भाजपा ने आगरा को चुना गया। इसके पीछे सोची समझी रणनीति हो सकती है। मूल मकसद बसपा के गढ़ में शोषित-वंचित समाज के दिलों में घर बनाना है। क्योंकि 16 साल से आगरा लोकसभा की सीट पर भाजपा को बसपा से सीधी चुनौती मिलती है। अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित इस सीट पर कमल की राह में हर बार हाथी ही सबसे बड़ी चुनौती पेश करता रहा है।

आगरा लोकसभा सीट पर हुए पिछले चार चुनाव 2004 से 2024 तक के आंकड़ों की बात करें तों 20 साल में 15 साल से शहर में भाजपा काबिज है। 2004 में भाजपा प्रत्याशी मुरारीलाल मित्तल को सपा की टिकट पर राजबब्बर ने हराया था। सिने अभिनेता राजबब्बर के ग्लैमर के आगे बसपा तीसरे नंबर पर रही। लेकिन यहां दूसरे नंबर पर रही भाजपा और बसपा में सिर्फ 10 हजार वोट का अंतर था।

2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से रामशंकर कठेरिया सांसद बने। बसपा के कुंवरचंद वकील को 1.93 लाख और भाजपा को 2.03 लाख वोट मिले। यहां भी हार-जीत का अंतर 10 हजार वोट रहा था। 2014 में मोदी लहर की आई। भाजपा ने दूसरी बार रामशंकर कठेरिया पर दांव लगाया तो बसपा से पूर्व मंत्री नारायण सिंह सुमन ने ताल ठोकी।

भाजपा को 5.83 लाख और बसपा को 2.83 लाख वोट मिले। 2019 में भाजपा ने टिकट बदला। रामशंकर की जगह एसपी सिंह बघेल को प्रत्याशी बनाया। यहां भी बसपा दूसरे नंबर पर रही। बसपा के मनोज सोनी को 2019 में 4.35 लाख वोट मिले जबकि भाजपा के एसपी सिंह को 6.46 लाख वोट मिले थे। 2007 विधानसभा चुनाव में बसपा ने जिले की 9 में 6 सीटों पर परचम लहराया था। 2024 में फिर भाजपा ने आगरा सीट से एसपी सिंह को प्रत्याशी बनाया है। बृहस्पतिवार को हुए सम्मेलन में अनुसूचित वर्ग को साधने में जेपी नड्डा से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोई कसर नहीं छोड़ी।

बाबा साहब के सम्मान के लिए शोषितों के सम्मान से जोड़ा

अनुसूचित मोर्चा के अधिवेशन में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. भीमराव आंबेडकर के सम्मान को वंचित व शोषित समाज के सम्मान से जोड़ा। कहा कि बाबा साहब को भाजपा सरकार ने ही सम्मान दिया। संविधान शिल्पी के साथ हुए अन्याय का भी जिक्र किया गया। कहा गया कि कांग्रेस ने सदैव ही डॉ. बीआर आंबेडकर का विरोध किया। उन्हें चुनाव नहीं जीतने दिए। भारत रत्न तक नहीं दिया, जबकि मौजूदा प्रधानमंत्री रहते हुए जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने खुद को भारत रत्न दे दिया। वहीं हमारी सरकार ने बाबा साहब को भारत रत्न दिया और अब उनका पंच तीर्थस्थल बनाया जा रहा है। अनुसूचित जाति के महापुरुषों की निशानियों को सहेजने का काम भी भाजपा सरकार ही कर रही है। उन्होंने बिजली पासी के किले के पुनरुद्धार, सुहेलदेव से लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तक को शोषित समाज के सम्मान से जोड़ा।



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