
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व कांग्रेस नेता राहुल गांधी।
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भारत जोड़ो न्याय यात्रा से सपा-कांग्रेस गठबंधन का चुनावी बिगुल बज गया है। राहुल गांधी-अखिलेश यादव की जुगलबंदी ने कार्यकर्ताओं में जोश जगा दिया है। उनके रोड शो से कांग्रेस को फतेहपुर सीकरी में मजबूती मिली है। यहां कांग्रेस क्षत्रिय प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतार सकती है। इसमें बीते विधानसभा चुनाव में लड़ चुके प्रत्याशी का नाम सबसे आगे है।
भारत जोड़ो यात्रा में राहुल-अखिलेश ने पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) को साधा। उन्होंने देश में उनकी आबादी का हवाला देकर कम हिस्सेदारी बताकर उनको पार्टी से जोड़ने की बात कही। दोनों ही दलों का आकलन है कि पीडीए एक साथ आया तो भाजपा को हराना आसान होगा। सीटों के बंटवारे की बात करें तो कांग्रेस के हिस्से में फतेहपुर सीकरी आई है। 2009 से गठित हुई इस सीट पर कांग्रेस का अभी तक खाता नहीं खुला है। यहां तक कि बीते चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष और सिने स्टार राजबब्बर की भी बुरी तरह से हार हुई थी।
भाजपा के राजकुमार चाहर ने उनको 4.5 लाख से अधिक वोटों से हराया। लेकिन पार्टी के लिए राहत की बात है कि उसके प्रत्याशी दो चुनावों में दूसरे स्थान पर रहे हैं। कांग्रेस के क्षत्रिय प्रत्याशी को टिकट देने की अधिक संभावना है। राहुल-अखिलेश का जादू चला और पीडीए के साथ क्षत्रियों का वोट जुड़ गया तो भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
दमदारी से लड़ेंगे चुनाव, हाईकमान करेगा प्रत्याशी तय
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन डॉ. सीपी राय का कहना है कि राजबब्बर समेत कई कार्यकर्ता टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। ऐसे में हाईकमान ही तय करेगा। चुनाव दमखम से लड़ा जाएगा।