World Emergency Day: Doctor said that in case of an accident, the first one hour is important, do not waste pr

कार्यक्रम में शामिल सैक्टम संस्था के सदस्य।
– फोटो : अमर उजाला

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बीते दिनों वर्ल्ड इमरजेंसी डे के मौके पर राजधानी लखनऊ में प्रतिष्ठित डॉक्टरों का जमावड़ा हुआ। सैक्टम (SACTEM) नाम की संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में डॉक्टरों ने इमरजेंसी होने पर क्या करें, अस्पताल तक कैसे पहुंचे, किस तरह के अस्तपाल का चुनाव करें इन बातों पर वैज्ञानिक और व्यवहारिक ढंग से बातचीत की गई। 

सैक्टम के प्रमुख डॉक्टर लोकेंद्र गुप्ता की अगुवाई में हुए इस कार्यक्रम में डॉक्टर राम मनोहर लोहिया, विवेकानंद, हिंद, मेदांता और एरा यूनिवर्सिटी कई अन्य अस्तपालों के डॉक्टरों ने शिरकत की। इसमें से ज्यादातर डॉक्टर वो थे जो अस्पतालों में इमरजेंसी में केस संभालते हैं। 

इस मौके पर डॉ. लोकेंद्र ने कहा कि आपातकाल में सबसे ज्यादा यह बात है कि दुर्घटनाग्रस्त होने वाली व्यक्ति का साथी उसे समझ ले कि इमरजेंसी किस स्तर की है। उसके लक्षण कैसे हैं। यहां पर यह भी जरूरी है कि उस प्रभावित व्यक्ति को हम किस अस्पताल में ले जा रहे हैं। वहां की मेडिकल सुविधाएं कितनी पर्याप्त हैं और वहां ऑपरेशन आदि करने की समुचित व्यवस्था है या नहीं। 

उन्होंने कहा कि यह भी देखना जरूरी होता है कि हम अस्पताल पहुंचने से पहले हम क्या कर सकते हैं। इसके अलावा कौन सी एंबुलेंस का प्रयोग किया जा रहा है यह बात भी महत्वपूर्ण है। इस मौके पर डॉक्टरों ने  हॉर्ट अटैक, स्ट्रोक, सड़क दुघर्टना और सांप के काटने की घटनाओं में सर्वप्रथम होने वाले उपायों के बारे में बात की। 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सैक्टम के उपाध्यक्ष डॉ. मुस्तहसिन मलिक ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक ज्वलंत विषय है और हमें इसके प्रभावों से निपटने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। इस मौके पर वरिष्ठ डॉक्टरों के अलावा कई अस्पतालों के युवा और प्रशिक्षु डॉक्टर भी शामिल हुए। बाद में सवाल और जवाब का सेशन भी आयोजित किया गया। 



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