मुजफ्फरनगर: भारतीय समाज और उद्योग के विकास में मानकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इन्हीं मानकों के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व मानक दिवस (World Standards Day) के अवसर पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून द्वारा सरकूलर रोड स्थित एक होटल में एक भव्य विचार गोष्ठी, प्रश्नोत्तरी और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम ने न केवल मानकों की महत्ता को रेखांकित किया, बल्कि उपभोक्ताओं को जागरूक करने के साथ-साथ छात्रों को भी प्रेरित किया।

मुख्य कार्यक्रम के बारे में: महत्वपूर्ण हस्तियों की उपस्थिति

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल ने की, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिलदेव अग्रवाल कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। कार्यक्रम में विशेष अतिथियों के रूप में जिला उद्योग केन्द्र की उपायुक्त जैसमिन फौजदार, फैडरेशन चैम्बर ऑफ कॉमर्स के सचिव अभिनव स्वरूप और भारतीय मानक ब्यूरो के संयुक्त निदेशक श्याम कुमार उपस्थित रहे। इनके अतिरिक्त, शहर के कई गणमान्य लोग और स्थानीय उद्योग जगत के प्रतिनिधि भी इस आयोजन में शामिल हुए।

उपभोक्ता जागरूकता पर जोर

मंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने अपने सम्बोधन में उपभोक्ता जागरूकता पर विशेष जोर देते हुए कहा कि देश में निर्मित अधिकांश सही उत्पादों पर आईएसआई मार्क का चिन्ह होना अनिवार्य है। इस मार्क का अधिकार निर्माताओं को तब तक नहीं मिलता, जब तक कि वे सरकारी अधिकारियों द्वारा निर्धारित मानकों पर खरे नहीं उतरते। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से आग्रह किया कि वे बाजार में नकली और अवमानक उत्पादों से सावधान रहें और यदि उन्हें ऐसे उत्पाद मिलते हैं, तो इसकी शिकायत जिला उपभोक्ता फोरम में करें ताकि दोषियों को दंडित किया जा सके।

छात्रों और उद्योग के बीच सेतु बनाने की कोशिश

जिला उद्योग केन्द्र की उपायुक्त जैसमिन फौजदार को भी निर्देशित किया गया कि वे विभिन्न स्कूलों में जाकर छात्रों को उद्योगों के बारे में जागरूक करें। इसके तहत छात्रों को विभिन्न उद्योगों की विजिट कराने और उन्हें इंडस्ट्री के मानकों के बारे में अवगत कराने का प्रयास किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि छात्र अपने करियर के शुरुआती दिनों से ही मानकों की महत्ता को समझ सकें और भविष्य में वे स्वयं भी मानकों के प्रति सजग रहें।

भारतीय गुड़ की वैश्विक पहचान

डॉ. वीरपाल निर्वाल ने अपने सम्बोधन में मानकों की अनिवार्यता पर जोर देते हुए भारतीय गुड़ का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारतीय गुड़ ने अपनी विशिष्टता और गुणवत्ता के कारण वैश्विक स्तर पर एक अलग पहचान बनाई है। यह उदाहरण दर्शाता है कि जब उत्पादों में मानकों का पालन किया जाता है, तो वे न केवल घरेलू बाजार में, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी उच्चतम स्थान प्राप्त करते हैं।

48 स्कूलों में BIS क्लब की स्थापना

फेडरेशन के सचिव अभिनव स्वरूप ने जानकारी दी कि भारतीय मानक ब्यूरो ने मुजफ्फरनगर के 48 स्कूलों में अपने क्लब स्थापित किए हैं, जो छात्रों के बीच मानकों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक होंगे। इन क्लबों के माध्यम से छात्रों को मानकों और गुणवत्ता की जानकारी दी जाएगी, ताकि वे भविष्य में एक जागरूक उपभोक्ता और उत्पादक बन सकें।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रश्नोत्तरी: कार्यक्रम की शोभा बढ़ाते हुए

इस कार्यक्रम की एक और महत्वपूर्ण कड़ी छात्रों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम और नाट्य मंचन रहे। होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल जडौदा नरा और एस.डी. पब्लिक स्कूल के छात्रों ने नाटक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से कार्यक्रम में नई ऊर्जा का संचार किया। नाटकों के माध्यम से उत्पादों के मानकों की महत्ता को सरल और रोचक ढंग से दर्शाया गया, जो उपस्थित दर्शकों को गहराई से प्रभावित कर गया।

इसके अलावा, मानक ब्यूरो की ओर से आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ने छात्रों के बीच प्रतिस्पर्धा और ज्ञानवर्धन का एक अनूठा अवसर प्रदान किया। इस प्रश्नोत्तरी में मानकों से जुड़े विभिन्न सवाल पूछे गए, जिससे छात्रों को मानकों के बारे में जानकारी मिली और उन्होंने इन सवालों के माध्यम से अपनी जागरूकता बढ़ाई।

कार्यक्रम में विशिष्ट हस्तियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति भी देखने को मिली। नीरज शर्मा, सौरभ चौरसिया, सरिता त्रिपाठी, आर.एस. राजा, किशोर तिवारी, शक्ति संगल और सभासद योगेश मित्तल जैसे स्थानीय प्रमुख व्यक्ति कार्यक्रम का हिस्सा बने। इनकी उपस्थिति ने इस आयोजन को और अधिक गरिमा प्रदान की और कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को इस विषय के प्रति गंभीरता से सोचने पर विवश किया।

मानक और उपभोक्ता अधिकार: एक व्यापक दृष्टिकोण

यह विश्व मानक दिवस (World Standards Day)  कार्यक्रम न केवल एक सामान्य आयोजन था, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना था। भारतीय मानक ब्यूरो का उद्देश्य हमेशा यही रहा है कि उपभोक्ता सही और गुणवत्ता युक्त उत्पादों का चयन करें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन अत्यंत आवश्यक है। जब उपभोक्ता जागरूक होंगे, तभी निर्माता भी मानकों का पालन करने के लिए बाध्य होंगे।

आज के दौर में नकली और अवमानक उत्पादों का बढ़ता प्रचलन उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से उपभोक्ताओं को न केवल उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सकता है, बल्कि उन्हें यह भी सिखाया जा सकता है कि किस प्रकार से वे अपने अधिकारों का सही उपयोग कर सकते हैं। जिला उपभोक्ता फोरम जैसे संस्थानों के माध्यम से उपभोक्ता शिकायत कर सकते हैं और दोषियों को सजा दिला सकते हैं।

उपभोक्ता शिक्षा की दिशा में भविष्य के प्रयास

विश्व मानक दिवस (World Standards Day)  कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न व्यक्तियों ने सुझाव दिया कि इस प्रकार के आयोजनों को और भी व्यापक स्तर पर किया जाना चाहिए, ताकि ग्रामीण इलाकों और छोटे कस्बों के लोगों तक भी यह संदेश पहुंच सके। उपभोक्ता शिक्षा को स्कूली स्तर से ही शुरू किया जाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी शुरुआत से ही अपने अधिकारों के प्रति सजग रहे।

निष्कर्ष: जागरूकता से ही मिलेगा उपभोक्ता को अधिकार

यह कार्यक्रम न केवल मुजफ्फरनगर में बल्कि पूरे देश में उपभोक्ता जागरूकता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। भारतीय मानक ब्यूरो और अन्य संबंधित संस्थाओं द्वारा इस प्रकार के आयोजनों का आयोजन लगातार किया जाना चाहिए, ताकि देश के हर नागरिक को उनके उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके।

इस प्रकार के आयोजनों से जहां एक ओर उपभोक्ता अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगे, वहीं निर्माता भी उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का उत्पादन करने के लिए प्रेरित होंगे। इससे न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि देश के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान भी मिलेगी।



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