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अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। आयुर्वेद कॉलेज में 15 साल से कमरे में बंद एक्सरे मशीन अब कबाड़ हो गई है। इस वजह से रोगी जरूरी होने पर निजी सेंटर पर एक्सरे कराते हैं। कॉलेज प्रशासन ने कहा कि शासन को कई बार डिजिटल एक्सरे मशीन के लिए पत्र लिखा गया है। आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज में रोजाना 280-300 रोगी आते हैं। इनमें कई रोगियों के उपचार के लिए एक्सरे कराना जरूरी होता है। यहां एक्सरे मशीन लगी हुई थी। वर्ष 2008-2009 तक एक्सरे होते थे। इसके बाद इस मशीन को कमरे में बंद कर दिया गया। वजह थी रेडियोलॉजिस्ट और तकनीशियन का न होना। एक्सरे मशीन का 15 साल से उपयोग नहीं हुआ है। बताते हैं कि इस कमरे में अन्य कबाड़ का सामान भी रख दिया गया है। कॉलेज प्राचार्य डॉ. राम कृष्ण राठौर का कहना है कि कॉलेज में एक्सरे मशीन है मगर रेडियोलॉजिस्ट व तकनीशियन नहीं। इसलिए कई साल से एक्सरे मशीन बंद है, जो अब कंडम हो गई है।