यमुना में बाढ़ की आशंका में गांव खाली कराए जा रहे हैं। मेहरा नहारगंज से मंगलवार को प्रशासन ने 40 परिवार विस्थापित किए हैं। निचले इलाकों में पानी भरना शुरू हो गया है। मोक्षधाम में चिता स्थल डूब गए हैं। नदी की तरफ खुलने वाले एत्माउद्दौला के कमरों में पानी भरा है। दो हजार बीघा से अधिक फसल डूब गई है। वॉटर वर्क्स पर यमुना चेतावनी स्तर से 1.5 फीट ऊपर बह रही है। मंगलवार रात आठ बजे जलस्तर 496.5 फीट था।

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बाढ़ नियंत्रण कक्ष की सुबह आठ बजे की रिपोर्ट के अनुसार हथिनीकुंड से मंगलवार को 2.07 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं गोकुल बैराज के सभी गेट खुल चुके हैं। गोकुल से आगरा की तरफ 1.02 लाख क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया है। ओखला बैराज से 61,968 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। डीएम अरविंद एम बंगारी के निर्देश पर मंगलवार रात एडीएम वित्त शुभांगी शुक्ला व एसडीएम सदर सचिन राजपूत ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा किया। मेहरा नहारगंज से 40 परिवार विस्थापित कराए। विस्थापितों के लिए सात बाढ़ चौकियां और आश्रय स्थल बनाए गए हैं। अगले दो दिन यमुना के जलस्तर में और वृद्धि होने की संभावना है। प्रशासन ने दयालबाग, बल्केश्वर, नरायच, ट्रांस यमुना से यमुना किनारे तक हाई अलर्ट जारी किया है। डीएम ने लोगों से नदी किनारे नहीं जाने, नाव नहीं चलाने और निचले इलाकों से ऊंचे स्थानों पर पहुंचने की अपील की है।

 




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yamuna flood agra villages submerged temples damaged crops

यमुना
– फोटो : संवाद


बटेश्वर में ब्रह्मलाल महाराज के आचमन को कालिंदी बेताब

 उफनाई कालिंदी बटेश्वर में मंगलवार को ब्रह्मलाल महाराज के आचमन को बेताव दिखी। ब्रह्मलाल महाराज मंदिर और कालिंदी के बीच महज 2 सीढियों का फासला बचा है। एकादशी मंदिर कालिंदी के उफान के पानी से चारों ओर से घिर गया है। सेल्फी पॉइंट परिसर डूब गया। मंदिर के पूर्वी छोर पर 2 सीढि़यां डूबने से बची हैं। पश्चिमी छोर पर घाट पर मंदिरों के फर्श को छूकर नदी बह रही है।

 


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यमुना नदी
– फोटो : संवाद


यमुना नदी के उस पार भरतार गांव में बने रिसोर्ट तक पानी पहुंच गया है। मंदिर के पुजारी जय प्रकाश गोस्वामी, राकेश वाजपेयी ने बताया कि 3 साल पहले ब्रह्मलाल महाराज मंदिर में उफान का पानी घुस गया था। प्रवेशद्वार से बह रही यमुना नदी में श्रद्धालुओं ने खूब डुबकी लगाई थी। जैन मंदिर के रास्ते सड़क पर आए पानी में महिलाओं ने खूब स्नान किया था। कालिंदी का रौद्र रूप देखकर बटेश्वर के लोग बाढ़ के खतरे को लेकर डरे हैं। गांव में पानी आने की आशंका ने उनकी नींद उड़ा दी है।

 


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बटेश्वर में चलाई जा रही मोटरबोट
– फोटो : संवाद


डीएम की अपील की अनदेखी… बटेश्वर में चलाई जा रही मोटरबोट

डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने सोमवार को यमुना किनारे न जाने और नदी में नाव न चलाने की अपील की थी। डीएम की अपील को लेकर बटेश्वर में अनदेखी दिखी। बटेश्वर के घाट पर कल्यानपुर, भरतार गांव के लिए दिनभर मोटरबोट चली। यमुना नदी के तेज उफान और बहाव के बीच लोग जान जोखिम में डाल कर मोटरबोट से नदी पार करते रहे। इतना ही नहीं दोनों छोरो पर यात्री उफान के पानी से मोटरबोट में चढ़े और उतरे। पुलिस प्रशासन ने भी घाट पर चल रही मोटर बोट की ओर ध्यान नहीं दिया। संवाद

 


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यमुना
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


झोपड़ियां बहीं, कचौरा घाट के शिव मंदिर में घुसा पानी

उफनाई यमुना नदी विकराल होने से किनारे के गांवों के लोगों की नींद उड़ गई है। विक्रमपुर घाट गांव में उमेश और मुनीम की झोपड़ियां उफान के पानी में बह गई। लीलावती की झोपड़ी में पानी भर गया है। मवेशी भी यमुना के उफान के पानी में बंधे हैं। कई पशु बीहड़ में फंस गए हैं। प्राथमिक विद्यालय के गेट तक पानी भर गया है। जलमग्न रास्ते से शिक्षक और छात्र निकलने को मजबूर हैं।

 




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