{“_id”:”66d0eadc3e00bc4e3f0e50d4″,”slug”:”yamuna-flowing-three-meters-below-the-danger-mark-orai-news-c-224-1-ori1001-119041-2024-08-30″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Jalaun News: खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे बह रही यमुना”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
संवाद न्यूज एजेंसी, जालौन
Updated Fri, 30 Aug 2024 03:10 AM IST
कालपी। भले ही इस क्षेत्र में बारिश न हो रही हो पर गुरुवार को यमुना का जलस्तर फिर बढ़ गया है। जिससे पडरी रपटा डूब गया है। जुलाई माह से शुरू हुई बारिश अभी तक थमी नहीं है। जिससे यमुना नदी का जलस्तर कई बार बढ़ चुका है।बीहड पट्टी में जलस्तर बढने से किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है।इन इलाकों की फसलें लगभग बर्बाद हो चुकी हैं।
यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई गांव में जलभराव हो गया है। जिससे किसानों की पूरी फसल चौपट हो चुकी है। केंद्रीय जल आयोग के प्रभारी रूपेश कुमार ने बताया कि अभी तक यमुना का जलस्तर 105 मीटर से अधिक नहीं हुआ है। जो खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे था। चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण बुधवार से यमुना में पानी बढ़ना शुरू हो गया था, जो गुरूवार को 103.50 पहुंच गया है। उनके मुताबिक तलहटी के किनारे बसे लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि अब यमुना में और अधिक पानी नहीं आएगा । लेकिन क्षेत्रीय लोगो की मानें तो यमुना बीहड पट्टी के लिए बाढ़ किसी अभिशाप से कम नहीं है। जिससे आम आदमी के साथ बेजुवान भी परेशान होते हैं ।।फिलहाल यमुना में आए पानी से मंगरौल पडरी रपटा फिर डूब गया है। जिससे तीन गांवों के वाशिंदों का सड़क संपर्क तहसील मुख्यालय से सीधा कटा हुआ है। नायब तहसीलदार तारा शुक्ला ने बताया कि प्रशासन की बाढ़ के हालात पर नजर है। किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। सभी बाढ़ ग्रस्त ग्रामों में बाढ़ चौकियां स्थापित हैं। क्षेत्र के लेखपाल ग्राम प्रधान और राशन विक्रेताओ को भी सतर्क रहने के लिए कहा गया।