उरई/कालपी। कोटा बैराज से साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद मंगलवार को यमुना का जलस्तर 106.37 मीटर पर है। यह चेतावनी बिंदु 107 मीटर के करीब है। यमुना का खतरे का निशान 108 मीटर पर है। कलपी के छह गांवों का संपर्क टूट गया है। इससे करीब चार हजार की आबादी प्रभावित हुई है। वहीं, कालपी के आठ, माधौगढ़ के छह और जालौन के पांच गांव पानी से घिर गए हैं। प्रशासन ने प्रभावित गांवों में नावों को लगाया है। इसके साथ एसपी ने एडीएम के साथ कालपी पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

सोमवार की रात कोटा बैराज से साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद तहसील कालपी, जालौन व माधौगढ़ क्षेत्रों से होकर बहने वाली यमुना में बाढ़ की स्थिति हो गई। कालपी के पड़री, रायड़ दिवारा, रामपुरा के खुसेपुरा, निनावली, किशुनपुरा, कमदपुरा आदि गांवों का मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। मंगलवार को बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार व अपर जिलाधिकारी संजय कुमार ने कालपी क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया एवं संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने बताया कि तहसील कालपी के दो गांव पड़री व रायड़ दिवारा के संपर्क मार्गों पर पानी भरने से लगभग पांच सौ की आबादी प्रभावित हुई है। हालांकि जनहानि या पशुहानि की कोई सूचना नहीं है। अन्य गांवों में अभी तक आबादी प्रभावित नहीं हुई है। जिले में अब तक दस छोटी व छह बड़ी नावें तैनात कर दी गई हैं।

तहसील कालपी के आठ, माधौगढ़ के छह व जालौन के पांच गांवों में कृषि भूमि प्रभावित हुई है। नदी के किनारे बसे सभी गांवों में बाढ़ चौकियां सक्रिय कर दी गई हैं। इनमें खाद्यान्न, पीने का पानी, स्वास्थ्य सेवाएं और पशुओं के लिए चारा व टीकाकरण की व्यवस्था की गई है। एसडीआरएफ की टीम जनपद में उपलब्ध है। तहसीलों के उपजिलाधिकारी, राजस्व विभाग की टीमें तथा पंचायत राज, स्वास्थ्य, पशुपालन व पुलिस विभाग के अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर कैंप कर रहे हैं।


फोटो 35- रगौली गांव स्थित नून नदी के पुल के ऊपर भरा पानी। संवाद

नून ने रोका रगौली की तीन हजार की आबादी का रास्ता

उरई। डकोर ब्लॉक के रगौली गांव से निकली नून नदी के पुल पर दो दिन से करीब तीन फीट ऊंचा पानी बह रहा है। इससे गांव आने जाने का रास्ता बंद हो गया है। हालत यह है कि लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं। प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम न होने से लोग जरूरी कामों के चलते पानी में घुसकर निकल रहे। इससे जरा सी चूक होने पर जान भी जा सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि पुल के आसपास रेलिंग न लगी होने से वहां से निकलने वाले लोगों को खतरा है, लेकिन कुछ लोग मजबूरी में निकल रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी है, लेकिन कोई भी यहां नहीं पहुंच रहा है। (संवाद)

वर्जन

जिले में जहां जहां पानी की स्थिति बढ़ी है, वहां व्यवस्थाएं कर दी गई हैं। किसी को भी परेशान नहीं होने दिया जाएगा।

संजय कुमार, एडीएम



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