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ट्रेन (फाइल) – फोटो : अमर उजाला
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ट्रेनों के परिचालन से लेकर रेल पटरियों के बिछाने में पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल ने रिकॉर्ड काम किया। 259 पूजा विशेष ट्रेनें 1725 फेरों में चलाई गईं। वहीं, बनारस समेत 18 स्टेशनों की सूरत भी बदल गई। वाराणसी मंडल में 65 ट्रैक किमी रेल पटरियों को नई रेल पटरियों (60 किग्रा) के साथ नया बनाया गया। 78 ट्रैक किमी का नवीनीकरण व 78 टर्नआउट का नवीनीकरण किया गया।
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इस साल कुल 127.07 किमी दोहरीकरण व तीसरी लाइन का कार्य पूरा किया गया, जिसमें छपरा-गौतमस्थान (8.85 किमी), भटनी-औंड़िहार परियोजना के तहत बेलथरा रोड-कीड़िहरापुर (13.85 किमी), फेफना-इन्दारा-मऊ-शाहगंज परियोजना के तहत रसड़ा-इन्दारा (28.22 किमी), खुरहट-सठियांव (18.17 किमी.) एवं खोरासन रोड-दीदारगंज रोड-शाहगंज (23.65 किमी.) व वाराणसी-माधोसिंह-प्रयागराज परियोजना के तहत गंगा पर दोहरी लाइन के रेल पुल निर्माण सहित झूंसी-प्रयागराज (7.68 किमी.) खंडों का दोहरीकरण कार्य और छपरा कचहरी-छपरा (3.0 किमी.) का कार्य शामिल है। इसी क्रम में, गाजीपुर घाट-ताड़ीघाट एवं गाजीपुर सिटी-ताड़ीघाट (16.79 किमी.) नई रेल लाइन का कार्य पूरा किया गया।
पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि वाराणसी मंडल पर ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस वर्ष वाराणसी मंडल पर अब तक लगभग 75 किमी ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग का कार्य पूरा किया गया है। ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग का कार्य के पूरा होने से अधिक ट्रेनों का संचालन संभव हुआ है। साथ ही लाइन क्षमता में वृद्धि हुई है।