मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद के मेरठ रोड स्थित ऐतिहासिक कंपनी गार्डन में उस समय एक अद्भुत नज़ारा देखने को मिला जब राज्य सरकार में स्वतंत्र प्रभार मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री Yogi Adityanath जी के जन्मदिवस और विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर को एक महा पर्व की तरह मनाया।
इस खास मौके पर भव्य वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने स्वयं कई प्रकार के छायादार और औषधीय पौधे रोपे। यह दृश्य पर्यावरण प्रेम और उत्तर प्रदेश सरकार के ‘हरित प्रदेश’ के संकल्प को साकार करता प्रतीत हुआ।
हरियाली के बीच मनाया गया योगी जी का जन्मोत्सव
मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का जीवन पर्यावरण संरक्षण, गौ सेवा और जनकल्याण को समर्पित है।” उनका जन्मदिवस विश्व पर्यावरण दिवस पर पड़ना एक अत्यंत शुभ संयोग है, और इस अवसर पर वृक्षारोपण कर हम उनके पर्यावरण प्रेम को सार्थक कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हर नागरिक का दायित्व है कि वह प्रकृति के संरक्षण में भागीदार बने। इस अभियान को केवल एक दिन का उत्सव न बनाकर एक जन आंदोलन बनाना होगा।
स्कूलों से लेकर समाजसेवियों तक, हर वर्ग की भागीदारी
इस कार्यक्रम में शहर के विभिन्न विद्यालयों के छात्र, जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवी संस्थाएं, और स्थानीय नागरिक भारी संख्या में शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में यह संकल्प लिया कि वे नियमित रूप से पौधों की देखभाल करेंगे और वर्षभर वृक्षारोपण करते रहेंगे।
वृक्षारोपण ने फैलाया हरियाली का संदेश
कार्यक्रम के दौरान लगाए गए पौधों में नीम, पीपल, आंवला, तुलसी, अर्जुन जैसे औषधीय महत्व के वृक्ष शामिल थे। मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने स्वयं फावड़ा चलाकर मिट्टी में पौधे रोपे और सबको बताया कि यह महज एक रस्म नहीं बल्कि एक क्रांति का प्रारंभ
है।
“हरित उत्तर प्रदेश” का संकल्प और भविष्य की तैयारी
मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर बदलाव लाना है। योगी सरकार के नेतृत्व में राज्यभर में वन महोत्सव, स्कूलों में हरियाली अभियान, और ग्राम पंचायतों में वृक्षारोपण मिशन चलाया जा रहा है।
मुजफ्फरनगर बना पर्यावरण आंदोलन का केंद्र
इस आयोजन में एकजुट हुए नागरिकों ने बता दिया कि मुजफ्फरनगर अब सिर्फ गन्ने की मिठास के लिए नहीं, बल्कि हरियाली के प्रतीक के रूप में भी जाना जाएगा। पौधों की हरियाली केवल धरती को सुंदर नहीं बनाती, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवन का आधार भी बनती है।
भाजपा नेताओं की प्रभावी मौजूदगी ने जोड़ा राजनीतिक महत्व
कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष संजय गर्ग, भाजपा नेता जितेन्द्र कुच्छल, मण्डल अध्यक्ष दीपक मित्तल, अमित शर्मा, नन्द किशोर पाल, प्रवीण खेड़ा, सभासद राजीव शर्मा, मनोज वर्मा, प्रशांत शर्मा, नवनीत गुप्ता, नवनीत कुच्छल, देवेश कौशिक, रविकांत काका, सतीश कुकरेजा, रजत धीमान आदि शामिल हुए। इन सभी ने न केवल भाग लिया बल्कि भावनात्मक रूप से जुड़ते हुए भविष्य के लिए एक हरित प्रतिज्ञा ली।
गौरवशाली पल: वृक्ष लगाते समय भावुक हुए नागरिक
वृक्षारोपण करते समय कई बुजुर्गों की आंखों में आंसू थे, उन्होंने कहा कि आज का दिन उन्हें बचपन की याद दिला रहा है जब गांव में पीपल और नीम के नीचे बुजुर्ग सभा करते थे और ठंडी छांव में बच्चें खेलते थे।
पर्यावरण दिवस और जन्मदिन एक साथ मनाने का अद्वितीय उदाहरण
देशभर में जहां एक तरफ पर्यावरण को लेकर चिंता जताई जा रही है, वहीं मुजफ्फरनगर में एक ऐसा प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया गया जिसे राज्य और देश के अन्य भागों में भी अपनाया जा सकता है। योगी जी का जन्मदिन यदि हर वर्ष इसी तरह मनाया जाए, तो निश्चित ही उत्तर प्रदेश जल्द ही एक हरित राज्य के रूप में उभर सकता है।
पर्यावरण संरक्षण ही सच्ची श्रद्धांजलि है
कार्यक्रम में बोलते हुए मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने यह भी कहा कि आज अगर हम पर्यावरण को नहीं बचा पाए, तो अगली पीढ़ी हमें क्षमाशील दृष्टि से नहीं देखेगी। उन्होंने कहा कि यदि योगी जी को सच्ची श्रद्धांजलि देनी है तो हमें उनके विचारों को आत्मसात करते हुए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना होगा।
अगला लक्ष्य: हर नागरिक के हाथ में एक पौधा
कार्यक्रम के अंत में सभी लोगों को यह शपथ दिलाई गई कि वे आने वाले 6 महीनों में कम से कम 5 पौधे अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर लगाएंगे और उनकी देखभाल करेंगे।
मुजफ्फरनगर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के जन्मदिवस और विश्व पर्यावरण दिवस के पावन संयोग पर आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता की मिसाल बना, बल्कि यह प्रदेश को हरित दिशा में ले जाने की एक मजबूत पहल साबित हुई। मंत्री कपिल देव अग्रवाल के नेतृत्व में यह आयोजन एक ऐतिहासिक सामाजिक आंदोलन बनकर उभरा है, जो निश्चित ही आने वाले समय में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।