मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar News) ।उत्तर प्रदेश में आध्यात्मिक चेतना की लहर एक बार फिर तीव्र हो चली है। मुजफ्फरनगर के ऐतिहासिक एवं पवित्र स्थल शुक्रताल में वर्ष 2025 के लिए भव्य संत समागम की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं। इस आयोजन को चार चाँद लगाने जा रहे हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जिन्होंने स्वयं इस महासमागम में आने की सहमति प्रदान कर दी है। इस आध्यात्मिक महाकुंभ का न्योता उन्हें प्रदेश सरकार में स्वतंत्र प्रभार मंत्री व नगर विधायक कपिल देव अग्रवाल ने भेंट के दौरान लखनऊ में सौंपा।

🔹 शिष्टाचार भेंट में आध्यात्मिक समर्पण की सुगंध

बुधवार को राजधानी लखनऊ में मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार भेंट की। इस मुलाकात के दौरान उनके साथ अखिल भारतीय संत शिरोमणि सतगुरु रविदास मंदिर, शुक्रताल के पीठाधीश्वर महंत श्री गोरधनदास जी महाराज भी मौजूद रहे। दोनों ने मिलकर 11 जून 2025 को होने वाले संत समागम एवं विशाल सत्संग कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री को औपचारिक निमंत्रण प्रदान किया।

🔸 क्या होगा इस संत समागम में?

यह समागम केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता, आध्यात्मिक जागरण और संत परंपरा के उज्ज्वल मूल्यों का जीवंत उत्सव होगा। आयोजकों के अनुसार देशभर से लाखों श्रद्धालु, संत-महात्मा, साधु-संतान, भजन मंडलियाँ और भक्त समाज इस विशाल आयोजन में भाग लेंगे। यह ऐसा मंच बनेगा जहाँ भक्ति और मानवता एकत्रित होंगी, और सनातन संस्कृति के मूल्यों का संदेश जन-जन तक पहुँचेगा।

🕉️ योगी आदित्यनाथ की स्वीकृति से उमंगों को मिला नया विस्तार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संत समागम के इस निमंत्रण को सहर्ष स्वीकारते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि “संत परंपरा और आध्यात्मिक आयोजनों का समाज निर्माण में अत्यधिक महत्व है।” उन्होंने कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएं भी दीं और आगमन की स्वीकृति से आयोजन की गरिमा में चार चाँद लगा दिए।

🔹 शुक्रताल: जहाँ गीता का अमर संवाद हुआ था

ऐतिहासिक दृष्टिकोण से देखें तो शुक्रताल वह पुण्यभूमि है जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को भगवद्गीता का उपदेश दिया था। यह स्थल वर्षों से संत परंपरा का तीर्थ रहा है और संत शिरोमणि सतगुरु रविदास जी के नाम पर बना यह मंदिर श्रद्धा का केंद्र बन चुका है। यहाँ प्रतिवर्ष हज़ारों श्रद्धालु दर्शन को आते हैं।

🔸 विकास और श्रद्धा का अद्भुत संगम

मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि मंदिर परिसर में कई विकास कार्य चल रहे हैं, जिनमें जनसहयोग और समाज की सहभागिता से आध्यात्मिक एवं सामाजिक जागरूकता का मिशन आगे बढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने मंदिर की गतिविधियों की सराहना करते हुए हरसंभव सहयोग का आश्वासन भी दिया।

🕯️ कपिल देव अग्रवाल की भूमिका: समरसता के लिए समर्पित संकल्प

नगर विधायक कपिल देव अग्रवाल लंबे समय से संत परंपरा और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने में सक्रिय हैं। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का शुक्रताल आगमन न केवल धार्मिक आस्था को संबल देगा, बल्कि यह समरस समाज की दिशा में सशक्त कदम होगा।”

📿 महंत गोरधनदास जी महाराज की आध्यात्मिक अगुवाई

महंत श्री गोरधनदास जी महाराज ने इस आयोजन की केंद्रीय भूमिका निभाते हुए बताया कि यह समागम केवल आयोजन नहीं, बल्कि समाज के सभी वर्गों को जोड़ने का माध्यम है। उन्होंने कहा, “शुक्रताल से आध्यात्मिक और सामाजिक पुनर्जागरण का संदेश पूरे देश में जाएगा।”

🛕 राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने को तैयार है यह संत समागम

संत समागम 2025 अब केवल मुजफ्फरनगर या उत्तर प्रदेश का आयोजन नहीं, बल्कि पूरे भारत के संत समाज का आध्यात्मिक संगम बनकर उभर रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान देगी।

📸 तैयारियाँ जोरों पर, उम्मीदें ऊँचाई पर

मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन द्वारा बड़े स्तर पर व्यवस्थाएँ की जा रही हैं।

भीड़ नियंत्रण, रहने और भोजन की व्यवस्थाओं से लेकर मेडिकल और सुरक्षा तक हर पहलू पर बारीकी से योजना बनाई जा रही है। श्रद्धालुओं के लिए विशेष ट्रेन और बस सेवाओं की योजना भी बनाई जा रही है।

🔔 भक्ति, शक्ति और संगठन का त्रिवेणी संगम

इस संत समागम के माध्यम से शांति, संतुलन और समरसता की वह त्रिवेणी निर्मित होगी जो भारत की सनातन परंपरा को जन-जन तक पहुँचाएगी। यह कार्यक्रम धर्म से ऊपर उठकर एक सार्वभौमिक सन्देश देगा—‘वसुधैव कुटुम्बकम्’।

🗓️ आगामी कार्यक्रम की तिथियाँ और प्रमुख बिंदु

  • 📍स्थान: संत शिरोमणि सतगुरु रविदास मंदिर, शुक्रताल (मुजफ्फरनगर)

  • 🗓️ दिनांक: 11 जून 2025

  • 🧘‍♂️ मुख्य आकर्षण: अखिल भारतीय संत समागम, सत्संग, भजन-कीर्तन, आध्यात्मिक प्रवचन, संत सम्मेलन

  • 🔆 विशेष उपस्थिति: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संत समाज के प्रमुख पीठाधीश्वर, लाखों श्रद्धालु

 


शुक्रताल में आयोजित होने जा रहा यह भव्य संत समागम एक बार फिर से भारत की आध्यात्मिक चेतना को नई ऊँचाई प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सहभागिता इस कार्यक्रम को न केवल आध्यात्मिक बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी ऐतिहासिक बनाएगी।

 



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