Young man injured while boarding train Treatment was done at Jhansi Medical College

स्पेशल ट्रेन
– फोटो : अमर उजाला डिजिटल

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यात्रियों को सुरक्षित सफर कराने का दावा करने वाले रेलवे अफसर गुरुवार को संवेदनहीन नजर आए। मथुरा स्टेशन के पास गीता जयंती एक्सप्रेस में चढ़ने के दौरान घायल हुआ एक युवक 260 किमी तक दर्द से तड़पता रहा, लेकिन उसे इलाज न मिल सका। उसके खून से लथपथ पैरों को देख सहयात्री भी परेशान रहे। यात्रियों ने युवक का उपचार कराने के लिए रेलवे अफसरों से गुहार लगाई, लेकिन किसी ने नहीं सुनीं। यात्रियों ने हंगामा किया तो झांसी आने पर युवक को ट्रेन से उतारा गया और इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया।

ललितपुर के महरौनी थाना क्षेत्र अंतर्गत पुराना सौजना निवासी शिव नारायण सोनी (23) पुत्र अखिलेश कुमार 18 मार्च को भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करने अपने तीन दोस्तों के साथ मथुरा गया था। गुरुवार रात को 10:39 बजे वह कुरुक्षेत्र-खजुराहो गीता जयंती एक्सप्रेस के दिव्यांग कोच में मथुरा से ललितपुर के लिए सवार हुआ। यात्री शिव नारायण ने बताया कि ट्रेन मथुरा से चलकर 10 किमी दूर बाद स्टेशन पर रुकी तो वह उतरकर पानी की बोतल लेने चला गया। इस दौरान अचानक ट्रेन चल पड़ी तो उसने दौड़कर चलती ट्रेन में चढ़ने का प्रयास किया। कोच के गेट पर खड़े यात्रियों ने उसे चढ़ने नहीं दिया। उसने लोगों को हटाकर कोच के पायदान पर पैर रखा तो फिसलकर ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच फंस गया। इसके बाद अन्य यात्रियों ने उसे पकड़कर ट्रेन के अंदर खींच लिया। मगर उसके दोनों पैर घायल हो गए और खून बहने लगा।

सहयात्रियों ने इलाज के लिए रेलवे हेल्पलाइन 139 पर कॉल किया तो आगरा कैंट स्टेशन पर सहायता उपलब्ध कराने की बात कही गई। ट्रेन रात 11:55 बजे आगरा कैंट स्टेशन पहुंची। यहां आए रेलकर्मियों ने घायल युवक को देखा, लेकिन इलाज नहीं किया। कर्मचारियों ने ग्वालियर स्टेशन पर इलाज कराने की बात कह दी। करीब आठ मिनट बाद ट्रेन आगरा स्टेशन से रवाना होकर रात 1:47 बजे झांसी स्टेशन पहुंची। यहां पर मेडिकल स्टाफ युवक के कोच में पहुंचा और उसके पैरों में पट्टी बांध दी, लेकिन कोई दवा नहीं दी। युवक दर्द से तड़पता रहा। युवक की तकलीफ बढ़ती देख सह यात्रियों में आक्रोश फैल गया। इस पर यात्रियों ने फिर रेलवे को इलाज के लिए सूचित किया।

ट्रेन के सुबह चार बजे झांसी पहुंचने पर रेलवे अस्पताल के डॉक्टर अनिल और डिप्टी एसएस एसके नरवरिया ने युवक को कोच से उतारा और गंभीर हालत देख उसे मेडिकल कॉलेज भेज दिया। ट्रेन की चपेट में आने से युवक के पैर बुरी तरह घायल हो गए थे। उसके दाहिने पैर से लगातार खून भी बह रहा था। रेलवे से मदद न मिलने पर कोच में सवार सहयात्रियों ने गमछा बांधकर कुछ हद तक खून को बहने से रोका। पूरे रास्ते युवक कोच के गेट के पास बैठकर दर्द से कराहता रहा। झांसी रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि युवक के जख्मी होने की सूचना मिली थी, जिसे रेलवे अस्पताल के डॉक्टर और डिप्टी एसएस ने झांसी में उतारकर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज भिजवाया।



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