Kisan Maha panchayat in Lucknow.

महापंचायत में भाकियू नेता राकेश टिकैत।
– फोटो : amar ujala

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भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एलान किया कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर गारंटी कानून की मांग को लेकर पूरे देश में बड़ा आंदोलन होगा। सरकार अपने वायदे से मुकर गई है। बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाकर फसल और नस्ल दोनों को बर्बाद करने पर तुली है। सोमवार को राकेश लखनऊ के ईको गार्डन में आयोजित किसान मजदूर अधिकार महापंचायत को संबोधित कर रहे थे।

महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की जमीन मुफ्त में लेने का षड्यंत्र चल रहा है। रात के अंधेरे में जमीन बिक जाती है पर दिन के उजाले में किसानों की फसल नहीं बिक पाती। अधिकारियों और नेताओं ने तमाम हाइवे के किनारे की पूरी जमीन खरीद ली है। पूरे देश का किसान परेशान हैं। आलू किसान जमाखोरों से, गन्ना किसान मूल्य कम और भुगतान न होने से परेशान है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और अखिलेश यादव दोनों से ही कम गन्ना मूल्य वर्तमान मुख्यमंत्री ने बढ़ाया है। व्यापारी फसलों की भी कालाबाजारी कर रहे हैं। कश्मीर के सेव किसानों के सेव से लदे ट्रक जानबूझकर 15 से 22 दिन रोके गए जिससे उन्हें बड़ा नुकसान हुआ। लखनऊ के किसानों की जमीन एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहीत की गई थी पर आज तक उन्हें एक रुपया भी मुआवजा नहीं दिया। 

युवा भाकियू अध्यक्ष गौरव टिकैत ने कहा कि किसानों की लाठी का दम कम नहीं हुआ है। समय आने पर यह बता दिया जाएगा। विभिन्न मांगों को लेकर सीएम को संबोधित ज्ञापन प्रेषित किया गया। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष राजपाल शर्मा, पवन खटाना, राजवीर सिंह जादौन समेत विभिन्न जिलों से आए किसान मौजूद थे।

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2027 तक तो नहीं लगने देंगे बिजली मीटर

राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि किसानों को बिजली मुफ्त में देंगे। ऐसे में वर्ष 2027 तक तो प्रदेश में मीटर नहीं लगने दिए जाएंगे। या तो सरकार यह कहे कि उसका घोषणापत्र झूठा था या वर्ष 2027 के चुनाव में अपने घोषणा पत्र में बाकायदा लिखे कि किसानों से बिल वसूला जाएगा।

थानों में छोड़ आओ आवारा पशु

राकेश ने कहा कि सीएम ने कहा है कि छुट्टा पशुओं के लिए थानेदारों को बजट दिया गया है। अब सभी किसान अपने-अपने क्षेत्र के छुट्टा पशुओं को लेकर थाने में छोड़ आओ।

मंदिरों को खतरा मुस्लिमों से नहीं, आरएसएस से है

राकेश टिकैत ने कहा कि गांवों के मंदिरों को मुस्लिमों से नहीं, आरएसएस व भाजपा से खतरा है। वे इतिहास से छेड़खानी कर रहे हैं। उनकी तरह किसान भी अपनी परेड लाठी लेकर करें। अपनी सारी बैठकें गांवों के मंदिरों में करो। ध्यान रहे, सरकार जाति, धर्म, छोटे, बड़े में बांटने की कोशिश करेगी पर सजग रहना है।

ज्ञापन में दी गई मुख्य मांगें

सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली, मीटर लगवाने की प्रक्रिया रोकने, गन्ना मूल्य 500 रुपये क्विंटल घोषित करने, गन्ना बकाया देने, सरकारी जमीन पर पशुशाला बनाने, किसान आयोग का गठन, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, एनजीटी के नियमों में ढील, लखीमपुर कांड के दोषियों को सजा देने, बाढ़- सूखे का सर्वे कराकर मुआवजा देने, ऋण माफ करने, सोलानी नदी पर बांध बनाने, जीएम सरसों को प्रतिबंधित करने आदि की मांग की गई।



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