Muzaffarnagar। मोरना। उत्तर प्रदेश का मुजफ्फरनगर जिला एक बार फिर से प्रशासनिक लापरवाही का शिकार हो रहा है। विकास के तमाम दावों और योजनाओं के बावजूद बहुपुरा गांव में जलभराव की समस्या ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि गांव की गलियों में जमा गंदे पानी से न केवल भारी बदबू फैल रही है, बल्कि संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।
बीते मंगलवार को गांव के लोगों का गुस्सा आखिरकार फूट पड़ा और उन्होंने प्रशासन व ग्राम प्रधान के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार और प्रशासन की अनदेखी के कारण वे पिछले आठ सालों से जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जा रहा है।
जलभराव से बिगड़े हालात, बच्चों और बुजुर्गों पर संकट

गांव बहुपुरा में जलभराव की समस्या इतनी गंभीर हो चुकी है कि वहां के बुजुर्गों और छोटे बच्चों के लिए रोजमर्रा की जिंदगी दुश्वार हो गई है। स्कूल जाने वाले बच्चों को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है, जिससे उनके बीमार पड़ने की संभावना लगातार बनी हुई है।
गांव में रहने वाले बुजुर्गों ने बताया कि बारिश के बाद गलियों में पानी इस कदर भर जाता है कि चलना तक मुश्किल हो जाता है। कई बुजुर्ग और महिलाएं इस पानी में गिरकर घायल हो चुके हैं। एक ग्रामीण राकेश ने बताया कि कुछ समय पहले ही उनकी दादी पानी में गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गई थीं, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
सांप-बिच्छुओं का आतंक, रिश्तेदारों ने गांव आना छोड़ा
गांव में जलभराव की वजह से जहरीले जीव-जंतु भी घरों में घुस रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सांप और बिच्छू गंदे पानी के जरिए गांव में घुस जाते हैं, जिससे लोगों की जान पर खतरा बना हुआ है।
गांव के ही निवासी संदीप ने बताया कि उनके घर में दो बार सांप घुस चुका है, जिससे परिवार दहशत में है।
अन्य ग्रामीणों ने बताया कि अब रिश्तेदार भी गांव आने से डरने लगे हैं।
गांव की सीमा देवी ने बताया कि पहले उनके मायके से रिश्तेदार हर साल आते थे, लेकिन जलभराव की समस्या के कारण उन्होंने आना बंद कर दिया है।
कई बार की शिकायत, लेकिन कोई समाधान नहीं
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने जलभराव की समस्या को लेकर कई बार प्रशासन से शिकायत की है। ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव, बीडीओ और जिलाधिकारी सभी को समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान और प्रशासन भेदभाव कर रहे हैं और कुछ खास इलाकों में ही विकास कार्य कराए जाते हैं, जबकि बहुपुरा को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है।
गांव के एक अन्य निवासी, अनिल ने बताया कि कुछ महीने पहले उन्होंने जिलाधिकारी से मिलकर लिखित शिकायत दी थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार
गांव के परेशान ग्रामीणों ने अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि जब स्थानीय प्रशासन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा, तो अब उन्हें राज्य सरकार से ही उम्मीद है।
प्रदर्शन करने वालों में सुशान्त, संदीप, अनिल, विदेश, राजकुमार, सीमा, नितिन, टीना, कार्तिक, सविता, सुनीता, सुशील, राजेश, किशन, राकेश, आकाश, रतनपाल, हरपाल, सचिन, अंकुश, रामअवतार, हरिप्रकाश, नोनू, बबलू, नरेश, अवनीश, अभिषेक सहित सैकड़ों ग्रामीण शामिल थे।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द जलभराव की समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
क्या प्रशासन जागेगा या ग्रामीणों को खुद करनी होगी पहल?
बहुपुरा गांव की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन इस गंभीर समस्या को हल करने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा या फिर ग्रामीणों को खुद अपनी लड़ाई लड़नी पड़ेगी?
गांव में जल निकासी व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है, लेकिन संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के कारण इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। यदि जल्द ही कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है।
अब निगाहें प्रशासन और सरकार पर टिकी हैं कि वे इस समस्या को कितनी गंभीरता से लेते हैं और कितनी जल्दी इसका हल निकालते हैं।
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