Muzaffarnagar उत्तर प्रदेश—महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में, जिलाधिकारी उमेश मिश्रा और मुख्य विकास अधिकारी संदीप भागिया के निर्देशन में, स्वामी कल्याण देव कन्या इंटर कॉलेज, ग्राम पंचायत काकड़ा, ब्लॉक शाहपुर, तहसील बुढ़ाना, जनपद मुजफ्फरनगर में एक महत्वपूर्ण जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 और वीमेन हेल्पलाइन नंबर 181 के बारे में व्यापक जानकारी प्रदान करना था, ताकि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

कार्यक्रम के दौरान, जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय कुमार के मार्गदर्शन में डॉ. राजीव कुमार ने उपस्थित छात्राओं को चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 और वीमेन हेल्पलाइन नंबर 181 के महत्व और उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 एक टोल-फ्री नंबर है, जो 24×7 उपलब्ध है और बच्चों की सुरक्षा, बचाव और पुनर्वास के लिए समर्पित है। यह सेवा विशेष रूप से उन बच्चों के लिए है जो संकट में हैं, जैसे कि गुमशुदा, शोषित, या किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में।

इसके साथ ही, वीमेन हेल्पलाइन नंबर 181 महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है, जो घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न, या किसी भी प्रकार की हिंसा का सामना कर रही हैं। यह हेल्पलाइन महिलाओं को कानूनी सहायता, परामर्श, और आश्रय जैसी सेवाएं प्रदान करती है, जिससे वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकें और आवश्यक सहायता प्राप्त कर सकें।

कार्यक्रम में प्रियांशी और तनु ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ विषय पर प्रेरणादायक भाषण दिए, जिसमें उन्होंने समाज में बेटियों के महत्व और उनकी शिक्षा की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बेटियों को समान अवसर प्रदान करना समाज की प्रगति के लिए आवश्यक है और हमें लैंगिक भेदभाव को समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए।

विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती मंजुला मलिक के मार्गदर्शन में, प्रवक्ता मीनाक्षी, अंजलि, रवीना, और काजल ने कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने छात्राओं को हेल्पलाइन नंबरों के उपयोग के बारे में जागरूक किया और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहने के लिए प्रेरित किया। इसके अतिरिक्त, साफिया, सादिया, आफिया, और सानिया ने भी कार्यक्रम के आयोजन में सक्रिय सहयोग प्रदान किया, जिससे यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

इस जन जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से, छात्राओं को न केवल हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी मिली, बल्कि उन्हें अपने अधिकारों और उपलब्ध संसाधनों के बारे में भी समझ विकसित हुई। इस प्रकार के कार्यक्रम समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जहां महिलाएं और बच्चे सुरक्षित और सशक्त महसूस कर सकें।

कार्यक्रम के उपरांत, छात्राओं ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि इस सत्र ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने और किसी भी संकट की स्थिति में सही कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया है। उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि वे अपने परिवार और समुदाय में भी इस जानकारी का प्रसार करेंगी, ताकि अधिक से अधिक लोग इन हेल्पलाइन सेवाओं का लाभ उठा सकें।

इस अवसर पर, प्रधानाचार्य श्रीमती मंजुला मलिक ने कहा, “हमारे विद्यालय का उद्देश्य न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता प्रदान करना है, बल्कि छात्राओं को जीवन कौशल और सुरक्षा के प्रति जागरूक करना भी है। इस प्रकार के कार्यक्रम हमारे प्रयासों को सुदृढ़ करते हैं और हमें गर्व है कि हमारी छात्राएं समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए तत्पर हैं।”

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के इस पहल की सराहना करते हुए, जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने कहा, “समाज में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि हर व्यक्ति इन हेल्पलाइन नंबरों के बारे में जागरूक हो और आवश्यकता पड़ने पर उनका सही उपयोग कर सके। इस दिशा में ऐसे जागरूकता कार्यक्रम महत्वपूर्ण हैं और हमें इन्हें निरंतर आयोजित करना चाहिए।”

मुख्य विकास अधिकारी संदीप भागिया ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य एक ऐसा समाज बनाना है जहां हर महिला और बच्चा सुरक्षित महसूस करे। इसके लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे और इस प्रकार के कार्यक्रम हमें उस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हैं।”

इस कार्यक्रम की सफलता ने यह सिद्ध किया है कि जब प्रशासन, शैक्षणिक संस्थान, और समुदाय एक साथ मिलकर कार्य करते हैं, तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव है। आशा है कि भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे, जिससे महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।



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