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महाठग संजय राय शेरपुरिया से दो माह पूर्व दिल्ली से लेकर गाजीपुर तक मिलने वालों का तांता लगा रहता था। राजनेताओं से लेकर कारोबारी तक पांच मिनट की मुलाकात के लिए घंटों तक इंतजार करते थे।
शेरपुरिया के दिल्ली के राइडिंग क्लब स्थित आवास और कार्यालय में वीवीआईपी का आना-जाना सामान्य बात थी। फिलहाल वह लखनऊ जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद है। पर, यह जानकर हैरानी होगी कि कभी चकाचौंध में रहने वाला शेरपुरिया अब जेल में अपने करीबियों से मिलना नहीं चाहता है। जेल प्रशासन उससे बीते कई दिनों से 10 परिजनों अथवा करीबियों के नामों की सूची मांग रहा है, जिसे वह देने से कतरा रहा है।
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दरअसल जेल प्रशासन ने संजय राय शेरपुरिया से मुलाकात करने वालों का रिकॉर्ड रखने के लिए उसके 10 ऐसे परिजनों और करीबियों के नाम व पता पूछा है। परिजनों और करीबियों की सूची मिलने के बाद उनको संबंधित जिले में पुलिस सत्यापन की कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा। पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर ही इन सभी को शेरपुरिया से जेल में मिलने की अनुमति प्रदान की जाएगी।
सूत्रों की मानें तो शेरपुरिया से एक माह पूर्व नामों की सूची मांगी गई थी। इस बीच उसका कोई भी परिजन या करीबी जेल में मिलने नहीं आया है। गौरतलब है कि एसटीएफ ने 25 अप्रैल को शेरपुरिया को कानपुर से गिरफ्तार करने के बाद लखनऊ की अदालत में पेश किया था। अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। इसके अगले दिन उसकी पत्नी कंचन राय मिलने आई थी। इसके बाद कोई भी उससे जेल में मिलने नहीं आया है।