
सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर
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निकाय चुनाव में पहले चरण का मतदान समाप्त होने के साथ ही निषाद पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के नेता नफा-नुकसान का आकलन करने में जुट गए हैं। इसकी वजह यह है कि दोनों दलों के अधिकांश उम्मीदवार पहले चरण के चुनाव वाले निकायों में ही चुनाव लड़ रहे हैं । इसलिए उनका मानना है कि यदि पहले चरण में प्रदर्शन ठीक रहा तो आगे का सियासी ताना-बाना भी ठीक रहेगा और लोकसभा चुनाव में भाजपा से मोलभाव का आधार भी बनेगा । एक तरह से दोनों दल निकाय चुनाव के पहले चरण को अपने लिए ‘अग्निपरीक्षा’ मान रहे हैं ।
दरअसल निषाद पार्टी जहां सरकार में सहयोगी है, वही, योगी-01 में सरकार की सहयोगी रह चुकी सुभासपा के भी लोकसभा चुनाव में फिर से भाजपा के साथ आने के कयास लगाए जा रहे हैं । इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर दोनों दल कुछ सीटे लेने के लिए लामबंदी कर रहे हैं। निषाद पार्टी के खाते में तो एक सीट है भी, लेकिन सुभासपा भी चाहती है कि कम से कम एक सीट तो मिले ही। इस लिए दोनों दल निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के जरिए भाजपा के सामने अपने सियासी वजूद का भी प्रदर्शन करना चाहते हैं। ताकि भाजपा को अपनी जाति के वोट बैंक की ताकत दिखाकर लोकसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार कर सकें।
इसी उद्देश्य से दोनों दलों ने अपनी-अपनी जाति बहुल क्षेत्र पूर्वांचल की अधिकांश सीटों पर चुनाव चल लड़ रहे हैं । सरकार में सहयोगी होने के बाद भी निषाद पार्टी ने जहां 11 नगर पंचायतों में अध्यक्ष की सीट पर भाजपा के सामने अपने सिंबल पर उम्मीदवार रखा है। इसके अलावा निषाद पार्टी गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ आगरा और झांसी नगर निगम और 70 से अधिक नगर पालिका परिषदों में बड़ी संख्या में पार्षद के उम्मीदवालों को भी चुनाव लड़ा रही है। इसी प्रकार सुभासपा भी पूर्वांचल की अधिकांश सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रखे हैं।
माना जा रहा है कि दोनों दल सिर्फ निकाय चुनाव जीतने के उद्देश्य से यह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि निकाय चुनाव के जरिए अपनी जाति के वोट बैंक पर अपनी पकड़ दिखाकर लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा को संदेश भी देना चाहते हैं । इसलिए दोनो दलों ने पहले चरण के चुनाव को खुद के लिए ‘अग्नि परीक्षा’ मानते हुए जमकर मेहनत की है। इसलिए अब पहले चरण का चुनाव संपन्न होने के साथ ही दोनों दल के नेता अपने-अपने उम्मीदवारों के हार-जीत का आकलन करने में जुट गए हैं ।
‘लोकसभा चुनाव को लेकर क्या होगा, यह जो भाजपा जाने, पर पूर्वांचल में हमारी जाति के वोट बैंक का मजबूत आधार है, इसलिए हमारी पार्टी पूर्वांचल अधिकांश सीटों पर चुनाव लड़ रही है। विधानसभा चुनाव में हमारे साथ ही वजह से ही सपा को फायदा हुआ और लोकसभा चुनाव में भी हम जिसके साथ रहेंगे उसे फायदा होगा’ ओमप्रकाश राजभर, अध्यक्ष सुभासपा
‘हम तो भाजपा के साथ विधानसभा चुनाव लड़े थे और लोकसभा चुनाव भी लड़ेंगे । जहां तक निकाय चुनाव की बात है तो हमारे बहुत से कार्यकर्ता हैं, जो चुनाव लड़ना चाहते थे, इसलिए उनको अपने सिंबल पर चुनाव लड़ा रहे हैं। लोस चुनाव अभी दूर है, जब समय आएगा तो भाजपा के साथ बैठकर हिस्सेदारी तय कर लेगें। ‘ डॉ. संजय निषाद, अध्यक्ष निषाद पार्टी