
यूपी के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना।
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यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी और अकबरपुर के सांसद देवेंद्र सिंह भोले से राजनीतिक अदावत इन दिनों लखनऊ से दिल्ली तक राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। जानकारों का मानना है कि लगातार आठ बार से विधायक सतीश महाना आगामी लोकसभा चुनाव में कानपुर से किस्मत आजमा कर मोदी सरकार 3.0 में जगह बनाना चाहते हैं। विधानसभा से लेकर दिल्ली में सत्ता के गलियारों में उनकी सक्रियता के यही मायने निकाले जा रहे हैं। संवैधानिक पद पर रहते हुए कानपुर में उनकी बढ़ती राजनीतिक सक्रियता केवल विपक्ष को नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष के सांसद और विधायकों को भी रास नहीं आ रही है।
कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी इस वर्ष अगस्त महीने में 75 साल के हो जाएंगे। भाजपा में 75 वर्ष से अधिक आयु पर टिकट न देने का प्रावधान सैद्धांतिक रूप से लागू है। यदि यह प्रावधान लागू रहा तो आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में पचौरी को प्रत्याशी नहीं बनाया जाएगा। ऐसे में कानपुर लोकसभा सीट पर भाजपा के कई दिग्गज नेताओं की नजर है। जानकारों का मानना है कि कानपुर से लगातार आठ बार विधायक निर्वाचित होने के नाते सतीश महाना भी लोकसभा टिकट के प्रबल दावेदार हैं। उत्तर प्रदेश में विधानसभा सदस्य से लेकर कैबिनेट मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष तक का अनुभव हासिल करने के बाद अब उनका निशाना केंद्र की राजनीति पर है। जानकार बताते हैं कि कानपुर से चुनाव लड़कर महाना लोकसभा पहुंचना चाहते हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में यदि मोदी सरकार हैट्रिक लगाने में सफल रहती है तो महाना को सरकार में भी जगह मिल सकती है।
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कानपुर में लगातार सक्रिय हैं महाना
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना कानपुर में लगातार सक्रिय हैं। महाना समय समय पर विभिन्न मामलों में जिलास्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश देते हैं। महाना के अध्यक्ष बनने के बाद कानपुर के लोगों और विद्यार्थियों के समूह का विधानसभा का लगातार भ्रमण हो रहा है। महाना की जिलों में बैठक पर स्थानीय सांसद सत्यदेव पचौरी, अकबरपुर के सांसद देवेंद्र सिंह भोले सहित अन्य विधायक न केवल आपत्ति जता चुके हैं बल्कि उनकी बैठकों में शामिल भी नहीं होते हैं। हाल ही में कानपुर में समग्र विकास की बैठक आयोजित करने को लेकर विवाद हुआ। बताया जा रहा है कि सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर दिल्ली में शीर्ष नेताओं तक की है।
दिल्ली में पकड़ मजबूत कर रहे महाना
जानकारों का मानना है कि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना दिल्ली में लगातार सक्रिय हैं। विधानसभा में किए गए प्रत्येक नवाचार और उपलब्धि से वह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत करा रहे हैं। आगामी जून में मुंबई में देश भर के विधायकों के सम्मेलन भी महाना की पहल पर ही आयोजित किया जा रहा है।
निकाय चुनाव में भी बड़ी थी रार
कानपुर नगर निगम महापौर चुनाव में सांसद सत्यदेव पचौरी की बेटी एवं संघ के पुराने कार्यकर्ता वीरेंद्र जीत सिंह की पुत्रवधु नीतू सिंह ने भी दावेदारी जताई थी। सूत्रों के मुताबिक सतीश महाना ने मौजूदा महापौर प्रमिला पांडेय की पैरवी की। महाना की पैरवी के बूते प्रमिला पांडेय तमाम विरोध के बावजूद टिकट पाने में सफल रहीं। वह दोबारा चुनाव भी जीतीं। इसको लेकर भी कानपुर में सांसद सत्यदेव पचौरी और स्थानीय विधायकों की महाना से रार रही।
प्रमिला पांडेय की चुनावी रैली में शामिल हुए
बतौर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना कानपुर में महापौर प्रत्याशी प्रमिला पांडेय की चुनावी रैली में भी शामिल हुए थे। इसको लेकर विपक्ष ने उन पर संवैधानिक पद की मर्यादा धूमिल करने का आरोप भी लगाया था।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना का कहना है कि कानपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की कोई इच्छा नहीं है, न ही मैंने टिकट मांगा है। पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष का अहम पद दिया है, वह लोकसभा सदस्य से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।
वहीं, कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी ने कहा कि मैं संसदीय कमेटी के साथ अन्य राज्य के दौरे पर आया हुआ हूं। मुझे जानकारी नहीं है कि कानपुर में समग्र विकास की बैठक में क्या हुआ है।