फतेहपुर। जिले में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों को लुभाया जा रहा है। इवेस्टर्स समिट करके उद्योग को लाने की कोशिश की जा रही है। उद्योग स्थापित करने के लिए सबसे पहले जमीन है। वह उद्योग विभाग के पास है, लेकिन उनकी जमीन पर कहीं गोशाला संचालित हो रही है, तो कहीं आवास बन चुके हैं।
जिले के आठ क्षेत्रों को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया गया था। इन क्षेत्रों में गृह, लघु व अन्य छोटे उद्योग स्थापित करके व्यवसाय से जोड़ना था, लेकिन अधिकांश औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योग पनप नहीं सके। बिंदकी फरीदपुर के पास चकहाता औद्योगिक क्षेत्र में अस्थायी गोशाला संचालित कर दी गई। उद्योग विभाग के सामने मामला संज्ञान में लाया गया। उसके बाद विभाग ने जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू की तो स्थानीय प्रशासन ने जमीन पर अपना दावा पेश किया। उसके बाद विभागीय लिखापढ़ी के बाद उद्योग विभाग ने जमीन अपने नाम दर्ज करा ली, लेकिन उद्योग के लिए जमीन अभी तक खाली नहीं करा सके हैं। ऐसा ही मामला थरियाव रामपुर औद्योगिक क्षेत्र का है। यहां पर कुछ परिवार ही गृह उद्योग करके निवासरत हैं, बाकी ने आवास खड़ा कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि आवंटियों ने किराए पर जमीन उठा दी है।
चकहाता में 36 और रामपुर में 48 भूखंड
बिंदकी, फरीदपुर के पास चकहाता औद्योगिक क्षेत्र में 36 भूखंड हैं। ये भूखंड पूर्व में एक कद्दावर मंत्री के नाम पर अलाॅट किया गया था। उन्होंने जमीन पर 10 सालों तक उद्योग लगाने में रूचि नहीं दिखाई। खाली जमीन पर स्थानीय प्रशासन ने गोशाला का निर्माण करा दिया। अब उद्योग के लिए जमीन खाली कराना मुश्किल हो रहा है। वहीं थरियाव रामपुर औद्योगिक क्षेत्र में कुल 48 भूखंड हैं। उसमें 41 भूखंड आवंटित हैं। उद्योग के आंकड़ों में यहां सिर्फ 4 उद्योग संचालित हैं। लेकिन यहां पर आवास बनकर तैयार हैं। ये दोनों क्षेत्रों को अब खाली कराना उद्योग विभाग के लिए आसान नहीं होगा।
कोट्स
चकहाता की जमीन पर उद्योग विभाग का नाम अभिलेखों में शामिल कराया जा चुका है। रामपुर थरियाव में आवास की जानकारी मिली है। दोनों स्थानों की जानकारी लेकर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। औद्योगिक क्षेत्र को उद्योग के लिए तैयार किया जाएगा। -चंद्रभान सिंह, उपायुक्त, उद्योग विभाग।