मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश):पाकिस्तान पर किए गए हालिया हमले के बाद पूरे देश में एक अलग ही किस्म की सतर्कता देखने को मिल रही है। ऐसे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण जिला Muzaffarnagar भी पीछे नहीं रहा। जिला प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सुबह से ही अलर्ट मोड पर काम शुरू कर दिया। प्रशासन की कमान संभाली जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने, जो खुद पूरे अमले के साथ सड़कों पर उतर आए और हर उस जगह का निरीक्षण किया, जो आपातकालीन स्थितियों में अहम भूमिका निभाती हैं।
अस्पताल से लेकर कंट्रोल रूम तक, हर जगह छाया प्रशासन
जैसे ही पाकिस्तान पर हमला होने की खबर सामने आई, मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने तत्काल मॉक ड्रिल की तैयारियां शुरू कर दीं। ग्राम पंचायत स्तर से लेकर जिला चिकित्सालय तक, हर जगह चुस्ती और फुर्ती दिखाई दी। जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में DM उमेश मिश्रा ने औचक निरीक्षण करते हुए आपातकालीन व्यवस्थाओं की गहराई से जांच की।
DM ने इमरजेंसी वार्ड, ऑक्सीजन प्लांट, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था, दवा भंडार और अन्य जरूरी सुविधाओं को एक-एक करके परखा। उन्होंने सीएमएस राजेश कुमार को सख्त निर्देश दिए कि किसी भी हालात में दवाइयों और मेडिकल स्टाफ की कमी नहीं होनी चाहिए। सभी चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां तुरंत रद्द कर दी गईं और सभी को ड्यूटी पर तैनात रहने को कहा गया।
एम्बुलेंस अलर्ट, दवा स्टॉक अपडेट और स्पेशल वार्ड की व्यवस्था
DM मिश्रा ने अस्पताल में उपलब्ध 108 और 102 एम्बुलेंस सेवाओं की स्थिति का भी जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को उन्हें हर समय तैयार रखने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि आपातकाल के दौरान जीवनरक्षक दवाओं का स्टॉक भरपूर मात्रा में उपलब्ध हो।
अस्पताल प्रशासन ने DM को बताया कि एक विशेष वार्ड आपातकाल के लिए तैयार कर लिया गया है और स्टाफ को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। DM ने इसे संतोषजनक बताते हुए कहा कि “ऐसे समय में प्रशासन का हर विभाग 24×7 मोड पर काम करे, यही प्राथमिकता होनी चाहिए।”
कंट्रोल रूम की समीक्षा, हर सूचना पर होगी पैनी नजर
निरीक्षण के अगले चरण में, जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने जिला कंट्रोल रूम का दौरा किया, जहां उन्होंने कर्मचारियों को विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “आपातकालीन स्थिति में आने वाली हर सूचना तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचे, इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
सभी कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया और हर विभाग को टास्क सौंपे गए कि वे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर, एडीएम वित्त गजेन्द्र सिंह, सीएमएस राजेश कुमार सहित अन्य अधिकारी भी इस निरीक्षण में शामिल रहे।
DM उमेश मिश्रा की सक्रियता ने दिखाई प्रशासनिक चुस्ती
DM उमेश मिश्रा की फील्ड में उतरकर तैयारियों का जायजा लेना न सिर्फ प्रेरणास्पद था बल्कि यह भी दर्शाता है कि मुजफ्फरनगर प्रशासन किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने में सक्षम और सतर्क है। उनकी सक्रियता के चलते जिले में एक भरोसे का माहौल बना है।
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि गांवों में भी मॉक ड्रिल की तैयारी शुरू की जाए और सभी ग्राम प्रधानों को आवश्यक दिशा-निर्देश भेजे जाएं। ग्राम पंचायत स्तर पर आपदा प्रबंधन समितियों को फिर से एक्टिवेट किया जा रहा है।
क्यों है यह तैयारी इतनी अहम?
भारत-पाकिस्तान के संबंधों में बढ़ती तल्खी और हालिया अटैक के बाद आंतरिक सुरक्षा को लेकर देशभर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। ऐसे में जिले स्तर पर की जा रही तैयारी यह दर्शाती है कि भारत अब किसी भी स्थिति को हल्के में लेने के मूड में नहीं है।
मुजफ्फरनगर जैसे संवेदनशील जिले, जहां किसान आंदोलन, साम्प्रदायिक घटनाएं और अन्य सामाजिक गतिशीलता हमेशा चर्चा में रहती है, वहां प्रशासन का ऐसा proactive व्यवहार एक नजीर बन सकता है।
भविष्य की तैयारी और रणनीति
सूत्रों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में जिले भर में कई मॉक ड्रिल कराई जाएंगी, जिसमें स्कूल, कॉलेज, बाजार और सार्वजनिक स्थानों को शामिल किया जाएगा। आपदा प्रबंधन विभाग और पुलिस प्रशासन संयुक्त रूप से रणनीति बना रहे हैं कि किस तरह जनता को जागरूक किया जाए और अफवाहों से दूर रखा जाए।
एक उच्च अधिकारी ने बताया कि “हमारे पास पर्याप्त संसाधन हैं, पर मानसिक और सामाजिक तैयारी सबसे जरूरी है।”
नतीजा – अलर्ट, एक्टिव और भरोसेमंद प्रशासन
पाकिस्तान पर हुए हमले के बाद देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। लेकिन मुजफ्फरनगर प्रशासन द्वारा दिखाया गया अलर्टनेस का यह स्तर जनता को विश्वास दिलाता है कि आपदा के समय प्रशासन उनके साथ खड़ा है।
DM उमेश मिश्रा और उनकी टीम का यह दौरा न सिर्फ एक औपचारिकता थी, बल्कि यह एक साफ संदेश था कि अब जिला प्रशासन किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार है।