बुंदेली साहित्य ने समाज में मर्यादाएं स्थापित की हैं। इन परंपराओं को आगे बढ़ाने के लिए जब इसे नई पीढ़ी हाथ में लेती है तो हम कभी परास्त हो ही नहीं सकते। इस समारोह के आयोजन के लिए इस तिथि से उचित कोई और दिन नहीं हो सकता था।
Source link

बुंदेली साहित्य ने समाज में मर्यादाएं स्थापित की हैं। इन परंपराओं को आगे बढ़ाने के लिए जब इसे नई पीढ़ी हाथ में लेती है तो हम कभी परास्त हो ही नहीं सकते। इस समारोह के आयोजन के लिए इस तिथि से उचित कोई और दिन नहीं हो सकता था।
Source link