मुजफ्फरनगर, 6 अक्टूबर (Muzaffarnagar News): समाज सेवा के माध्यम से मानवता की सेवा और उत्थान के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, भारत विकास परिषद (Bharat Vikas Parishad) की मुजफ्फरनगर सम्राट शाखा ने एक अद्भुत और प्रेरणादायक सेवा कार्य का आयोजन किया। ‘नर सेवा-नारायण सेवा’ के सिद्धांत को केंद्र में रखते हुए, इस आयोजन का उद्देश्य जरूरतमंदों को फल वितरित कर समाज में सेवा और सहायता का संदेश फैलाना था।
कार्यक्रम का आयोजन और महत्वपूर्ण अतिथि
यह आयोजन संकीर्तन भवन, नई मंडी में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का समय सुबह 11.30 बजे तय किया गया था, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में श्री विशाल शर्मा जी (अध्यक्ष शक्ति शाखा) और डॉ. रुचि शर्मा जी (सम्पादक, ज्ञानोदय) उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक स्वागत से हुई, जिसमें अतिथियों को पटका पहनाकर सम्मानित किया गया। इस स्वागत के बाद सम्राट शाखा के सदस्यों ने फल वितरण कर इस सेवा में भाग लिया और धार्मिक लाभ प्राप्त किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री कीमती लाल जैन ने की, जिन्होंने अतिथियों और सदस्यों का स्वागत करते हुए आयोजन की महत्ता पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि विशाल शर्मा जी ने अपने उद्बोधन में सम्राट शाखा की तारीफ करते हुए इसे पूरे प्रांत के लिए एक प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने सम्राट शाखा की टीम के अथक प्रयासों और समर्पण की सराहना की और इसे एक सम्राट की तरह अग्रणी बताया, जो अपनी सेवा गतिविधियों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव ला रही है।
सम्राट शाखा का महत्वपूर्ण योगदान
मुख्य अतिथि श्री शर्मा जी ने कहा कि सम्राट शाखा अपने नाम के अनुरूप ही काम कर रही है और प्रांत में अन्य शाखाओं के लिए एक उदाहरण बनी हुई है। उन्होंने शाखा द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों की सराहना की, जिसमें गरीबों के लिए सहायता, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य जागरूकता, और शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न पहलों का उल्लेख किया गया।
डॉ. रुचि शर्मा जी, जिन्होंने ज्ञानोदय पत्रिका का संपादन किया है, ने इस कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सम्राट शाखा द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों की गिनती करना असंभव है, क्योंकि वे न केवल सेवा कार्यों में अग्रणी हैं, बल्कि अन्य संस्थाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस शाखा का नाम ही उनके प्रयासों की महानता का प्रतीक है और यहां तक सुझाव दिया कि ‘ज्ञानोदय’ पत्रिका का नाम ‘सम्राट’ रख देना चाहिए।
महिलाओं की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी भी देखने को मिली। महिला संयोजिका श्रीमती परणीता गोयल ने भी अपने वक्तव्य में सभी का धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी सदस्यों के सहयोग की प्रशंसा की और इसे महिला शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका का उदाहरण बताया।
आयोजन के प्रायोजक और सहयोगी
कार्यक्रम की सफलता के पीछे कई प्रमुख व्यक्तियों का योगदान रहा। कार्यक्रम के प्रायोजक श्रीमती नीरु जैन और कार्यक्रम के चैयरमैन प्रेम प्रकाश एडवोकेट का विशेष उल्लेख किया गया। इसके अलावा, कोषाध्यक्ष बी.के. सूर्यवंशी, सुनील गर्ग, ई.पी.के. गुप्ता, अजय अग्रवाल एडवोकेट, जगरोशन गोयल, अजय गोयल, जीवन जैन, गंगा सागर गोयल, संतोष गोयल और नीरु जीवन जैन ने भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सामाजिक कार्यों का विस्तार
सम्राट शाखा की ओर से समय-समय पर ऐसे आयोजन किए जाते रहे हैं। ‘नर सेवा-नारायण सेवा’ के अलावा शाखा ने समाज के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन, वृक्षारोपण अभियान, रक्तदान शिविर, और गरीब बच्चों की शिक्षा में मदद जैसी गतिविधियों में भी अग्रणी भूमिका निभाई है।
इस तरह के सेवा कार्य न केवल समाज के पिछड़े और जरूरतमंद वर्ग की मदद करते हैं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति में सेवाभाव और मानवीय मूल्यों का भी विकास करते हैं। इस प्रकार के आयोजन समाज में एकजुटता, सहयोग, और सामूहिक जिम्मेदारी के महत्व को बढ़ाते हैं।
सेवा का महत्त्व और भविष्य की योजनाएं
‘नर सेवा-नारायण सेवा’ का यह सिद्धांत भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख आधार रहा है। भगवान की सेवा का मार्ग मानव सेवा से होकर गुजरता है, और यही संदेश इस आयोजन के माध्यम से दिया गया। समाज के हर व्यक्ति को यह संदेश दिया गया कि हमें अपने साधनों का एक हिस्सा उन लोगों के लिए भी खर्च करना चाहिए, जिन्हें हमारी सबसे ज्यादा जरूरत है।
सम्राट शाखा ने भविष्य में और भी बड़े पैमाने पर सेवा कार्यों को जारी रखने का संकल्प लिया है। शाखा के सदस्य विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाने और समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने के लिए कृतसंकल्पित हैं। शाखा ने अपने कार्यक्रमों में न केवल मुजफ्फरनगर बल्कि आसपास के क्षेत्रों को भी शामिल करने की योजना बनाई है, जिससे सेवा कार्यों का व्यापक असर हो सके।
समाजसेवा का संदेश और समर्पण
समाजसेवा के ऐसे आयोजनों के माध्यम से यह संदेश फैलता है कि जब तक समाज का हर व्यक्ति खुशहाल और सशक्त नहीं होगा, तब तक समाज का संपूर्ण विकास संभव नहीं है। सम्राट शाखा के ऐसे प्रयास सभी के लिए प्रेरणादायक हैं और यह उम्मीद जगाते हैं कि इस तरह के कार्यक्रमों से समाज में सकारात्मक बदलाव आते रहेंगे।
इस आयोजन ने यह साबित किया कि भारत विकास परिषद सम्राट शाखा समाज सेवा की भावना को जीवंत रखने में निरंतर सक्रिय है और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कार्य कर रही है।